Badlapur Case: बदलापुर यौन उत्पीड़न केस को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज सख्त टिप्पणी की है। हाई कोर्ट के जस्टिस ने कहा है कि पीड़ित बच्चियां छोटी हैं। इसलिए मामले की सुनवाई जल्द से जल्द पूरी होनी चाहिए, जिससे उन्हें न्याय मिल सके। बता दें कि यह मामला अगस्त 2024 का है, जहां ठाणे के बदलापुर इलाके में स्थित एक स्कूल के टॉयलेट में चार और पांच साल की दो बच्चियों का एक पुरुष अटेंडेट ने यौन उत्पीड़न किया था।
सोमवार को लोक अभियोजक हितेन वेनेगांवकर ने न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले की पीठ को सूचित किया कि मामले की जांच पूरी हो गई है। आरोप पत्र दायर किया गया है और अब मामले की सुनवाई होगी। इस पर अदालत ने जोर दिया कि मामले की सुनवाई तेजी से पूरी करने की जरूरत है।
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बॉम्बे हाई कोर्ट की पीठ के जज ने कहा कि मामले को तेजी से आगे बढ़ाना होगा क्योंकि पीड़ित बच्चियां बहुत कम उम्र की हैं। साथ ही पॉक्सो कानून के तहत लड़कियों से पूछताछ के दौरान एक महिला अभियोजक को मौजूद रहना होगा।
वेनेगांवकर ने कहा कि इस मामले में विशेष लोक अभियोजक की सहायता के लिए एक महिला अभियोजक नियुक्त की गई है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की और तब तक अभियोजन पक्ष को मुकदमे की स्थिति के बारे में बताना होगा।
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बता दें कि यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट करने में नाकाम रहने के लिए स्कूल के प्रधानाध्यापक और उसके प्रबंधन के दो सदस्यों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है। हाईकोर्ट ने घटना का स्वतः संज्ञान तब लिया था, जब यह बात सामने आई कि बदलापुर की स्थानीय पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए तत्काल कार्रवाई नहीं की।
पिछले साल पीठ ने स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का भी आदेश दिया था। वेनेगांवकर ने सोमवार को कहा कि समिति ने अभी सिफारिशों पर अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि अगर सुनवाई की अगली तारीख तक रिपोर्ट सौंप दी जाती है, तो उसे उसके समक्ष भी पेश किया जाएगा। महाराष्ट्र से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।