Sharmistha Panoli: कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को लॉ की स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत दे दी। इसके साथ ही कोर्ट ने शर्मिष्ठा पनोली को 10,000 रुपये का जमानत बांड भरने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने शर्मिष्ठा के देश छोड़ने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि शर्मिष्ठा बिना सीजेएम की इजाजत के देश से बाहर नहीं जा सकतीं।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने पनोली को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था और उन्हें सलाह दी थी कि अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब यह नहीं है कि वह दूसरों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाएं।सिंबायोसिस लॉ स्कूल की स्टूडेंट पनोली ने इंस्टाग्राम और एक्स पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित तौर पर ईशनिंदा वाली टिप्पणी की थी।
बयान की कड़ी आलोचना होने के बाद पनोली ने सोशल मीडिया पर माफीनामा पब्लिश किया, लेकिन गुरुग्राम में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खिलाफ 15 मई 2025 को एक एफआईआर दर्ज की गई और उसके ठीक दो दिन बाद 17 मई 2025 को वारंट जारी किए गए। अपनी याचिका में पनोली ने ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित रिमांड आदेश को भी चुनौती दी। इसमें उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
शर्मिष्ठा पनोली के वकील ने कलकत्ता हाई कोर्ट में रखा पक्ष
भारतीय जनता पार्टी की विधायक अग्निमित्रा पॉल ने समाचार न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ‘हां मैंने वजाहत खान के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिन्होंने शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मेरा मानना है कि पश्चिम बंगाल में बीआर अंबेडकर जी का संविधान लागू है और हर समुदाय के लिए समान अधिकार और नियम होने चाहिए।’
बीजेपी नेता ने आगे कहा, ‘शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ शिकायत करने वाले वजाहत खान ने हमारी देवी मां कामाख्या और भगवान कृष्ण के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट किया था। अगर कोई मुसलमान मेरे देवी-देवताओं का अपमान कर रहा है, तो वजाहत खान के लिए भी यही कार्रवाई की जानी चाहिए। जैसा कि असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने वजाहत खान को गिरफ्तार करने के लिए अपनी पुलिस फोर्स भेजी है, ममता बनर्जी की पुलिस मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण वजाहत खान को छुपा रही है और बचा रही है।’ यहां समझें कौन हैं शर्मिष्ठा पनोली और क्या था पूरा विवाद…