Chhattisgarh Coal Levy Scam: छत्तीसगढ़ कोयला लेवी और जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) फंड में कथित अनियमितताओं से संबंधित तीन मामलों में दो आईएएस अधिकारियों सहित तीन नौकरशाह और तीन अन्य आरोपी शनिवार सुबह रायपुर केंद्रीय जेल से बाहर आए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने के दो दिन बाद यह लोग से जेल से बाहर आए।

इन नौकरशाहों में आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और रानू साहू तथा सौम्या चौरसिया शामिल हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार में उप सचिव के रूप में कार्यरत थीं।

तीनों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था, जिसमें सरकारी कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों के एक सिंडिकेट पर कोयले की ढुलाई के लिए अवैध रूप से धन उगाही करने का आरोप लगाया गया है।

ईडी के अनुसार, कोयला मामले में नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों का एक कथित गिरोह शामिल है, जो छत्तीसगढ़ में भेजे जाने वाले कोयले के प्रति टन 25 रुपये की वसूली कर रहा था। ईडी ने आरोप लगाया कि अपराध की आय का इस्तेमाल “बेनामी संपत्तियों में निवेश करने, वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए अधिकारियों को रिश्वत देने और राज्य के राजनीतिक अधिकारियों की ओर से किया जा रहा था। बता दें, कथित घोटाला 2020 से 2022 के बीच हुआ।

ईडी द्वारा विश्लेषित 3,000 डायरी प्रविष्टियों के अनुसार, कार्टेल द्वारा कथित रूप से एकत्र की गई कुल लेवी 540 करोड़ रुपये है। एजेंसी ने 2022 में अपनी जांच शुरू की और मामले में कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां कीं, कई आरोपपत्र दाखिल किए और कई आरोपियों के नाम बताए।

विश्नोई (जो उस समय निदेशक भूविज्ञान एवं खनिकर्म के पद पर तैनात थे) को अक्टूबर 2022 में, चौरसिया को दिसंबर 2022 में और साहू को जून 2021 से जून 2022 तक कोरबा में कलेक्टर के पद पर तैनात रहने के कारण जुलाई 2023 में गिरफ्तार किया गया था।

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उनके वकील फैजल रिजवी ने कहा कि कुल आठ लोगों – सौम्या चौरसिया, रानू साहू, समीर विश्नोई, सूर्यकांत तिवारी, राजिनकांत तिवारी, निखिल चंद्राकर, वीरेंद्र जायसवाल और संदीप नाइक को तीन मामलों में ज़मानत मिल गई है। कोयला लेवी से जुड़े दो मामले ईडी और छत्तीसगढ़ के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज किए गए थे, और तीसरा डीएमएफ फंड मामले में था। सूर्यकांत और निखिल (जिन्हें अन्य मामलों में भी गिरफ़्तार किया गया था) को छोड़कर, बाकी छह को ज़मानत पर रिहा कर दिया गया है।

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जमानत देते समय सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें रखीं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आरोपी मामले में हस्तक्षेप न करें। आदेश में कहा गया है कि जहां तक ​​याचिकाकर्ता रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया का सवाल है, उन्हें निर्देश दिया जाता है कि वे अगले आदेश तक छत्तीसगढ़ राज्य में नहीं रहेंगे, सिवाय इसके कि वे जब भी आवश्यकता हो, जांच एजेंसी या ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित होंगे। उन्हें छत्तीसगढ़ के बाहर अपना नया पता पुलिस को बताने के लिए कहा गया है।

कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता गवाहों से संपर्क करते या उन्हें किसी भी तरह से प्रभावित करते या सबूतों से छेड़छाड़ करते पाए जाते हैं, तो इसे अंतरिम जमानत का दुरुपयोग माना जाएगा। उन्हें तुरंत अपना पासपोर्ट विशेष अदालत में जमा कराने को भी कहा गया है। वहीं, शनिवार को सीजेआई गवई ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ की। पढ़ें…पूरी खबर।

(इंडियन एक्सप्रेस के लिए जयप्रकाश एस नायडू की रिपोर्ट)