साउथ दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में लोगों को आए दिन ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। ऐसे में केंद्र सरकार ने इन इलाकों में जाम कम करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव के तहत साउथ दिल्ली के प्रमुख इलाकों को इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) एयरपोर्ट और गुड़गांव से जोड़ने के लिए 20 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाएगा।
यह फ्लाईओवर साउथ दिल्ली में एम्स के आसपास के इलाकों को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के महिपालपुर से जोड़ेगा। अधिकारियों ने बताया कि बाईपास परियोजना को गुड़गांव-फरीदाबाद रोड तक बढ़ाया जाएगा। इस सिग्नल-फ्री एलिवेटेड कॉरिडोर पर करीब 5,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “फिलहाल रिंग रोड और आउटर रिंग रोड दोनों ही मेन रूट हैं, खास तौर पर नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली एयरपोर्ट और गुड़गांव जाने वाले यात्रियों के लिए। ये दोनों मार्ग डीएनडी फ्लाईवे के जरिए नोएडा और फरीदाबाद के बीच कनेक्टिविटी भी प्रदान करते हैं। भारी ट्रैफिक NH-48, दिल्ली-गुड़गांव हाईवे पर मिल जाता है इसलिए रोजाना ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है।”
अधिकारियों ने बताया कि कॉरिडोर एम्स से शुरू होकर रिंग रोड के जरिए वसंत कुंज में नेल्सन मंडेला मार्ग से जुड़ेगा। नेल्सन मंडेला मार्ग पर केंद्र सरकार 5 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की योजना बना रही है, जो एयरपोर्ट और द्वारका एक्सप्रेसवे को जोड़ेगी।
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एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “इस कॉरिडोर को एक टनल के साथ जोड़ दिया जाएगा और गुड़गांव और फरीदाबाद रोड की ओर एक और कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा।” उन्होंने आगे कहा, “एम्स से नादिरा मार्ग तक का एलिवेटेड कॉरिडोर जो आगे महरौली-गुड़गांव रोड और गुड़गांव-फरीदाबाद रोड से जुड़ेगा, दिल्ली और गुड़गांव के बीच एक समानांतर कॉरिडोर के रूप में काम करेगा।”
अधिकारियों ने कहा कि आने वाला कॉरिडोर निवासियों के लिए बड़ी राहत होगी। अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना की अनुमानित लागत 5,000 करोड़ रुपये है लेकिन अध्ययन के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। अधिकारी ने कहा, “एक बार अध्ययन हो जाने के बाद मौजूदा फ्लाईओवर, अंडरपास और मेट्रो लाइनों का भी अध्ययन किया जाएगा। फिर यह फैसला लिया जाएगा कि पूरा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाए या फिर एलिवेटेड के साथ-साथ अंडरग्राउंड भी बनाया जाए। ये किसी भी आने वाली नई परियोजना के दौरान की जाने वाली नियमित प्रक्रियाएं हैं।”
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2019 में दिल्ली के लोक निर्माण विभाग ने बाईपास परियोजना के लिए प्रस्ताव पेश किया था। पीडब्ल्यूडी को इसका क्रियान्वयन करना था जबकि फंडिंग केंद्र को करनी थी। हालांकि, महामारी के कारण एम्स-महिपालपुर एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना शुरू नहीं हो पाई। अधिकारियों के अनुसार, अब यह परियोजना पटरी पर है।
अधिकारियों ने बताया, “फिलहाल विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के लिए बोलियां आमंत्रित की गई हैं जो 27 जून तक प्राप्त होनी हैं।” इन मेगा परियोजनाओं के तहत, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओखला बैराज के पास दिल्ली-नोएडा रोड और आगरा कैनाल रोड के कालिंदी कुंज चौराहे पर एक इंटरचेंज बनाने की भी योजना है। 0.5 किलोमीटर के इस हिस्से पर 500 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स