Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर 5 फरवरी को वोटिंग हो चुकी है और राजनीतिक दलों से लेकर जनता को भी 8 फरवरी को इंतजार है, जब नतीजे घोषित होंगे। इससे पहले आए तमाम एग्जिट पोल्स (Exit Poll Result) में बीजेपी को बहुमत मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है, दूसरी ओर आम आदमी पार्टी (Aam Aadami Party) सत्ता से बाहर होकर दूसरे नंबर की पार्टी बन सकती है। वहीं एग्जिट पोल्स में एक बार फिर कांग्रेस की हालत पतली होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

दरअसल, इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को टिकट दिया था, और पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को चुनावी मैदान में उतारा था। इसके अलावा अलका लांबा से लेकर रागिनी नायक, फराज सूरी जैसे उम्मीदवारों को टिकट दिया था। इन नेताओं ने कई सीटों पर पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन एग्जिट पोल्स में कांग्रेस की स्थिति खराब होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

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भले ही दिल्ली में आम आदमी पार्टी तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाए या बीजेपी 27 साल का सूखा खत्म करके दिल्ली की सत्ता में वापसी करे। इन दोनों की चर्चा दिल्ली की सियासत को लेकर खूब हो रही है, लेकिन सबसे खराब हालत कांग्रेस पार्टी की नजर आ रही है। वोटिंग के बाद से सामने आए तमाम एग्जिट पोल्स बीजेपी और आम आदमी पार्टी की जीत या हार को लेकर जो दावे कर रहे हैं, उससे इतर सभी के एग्जिट पोल्स में कांग्रेस पार्टी की हालत खराब नजर आ रही है।

ज्यादातर एग्जिट पोल्स एक तरफ जहां बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर बता रहे हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस को कुछ ही पोल्स 0-1 सीट लेने का अनुमान लगा रहे है। इतना ही नहीं, ज्यादातर एग्जिट पोल्स दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 10 प्रतिशत से भी ज्यादा नहीं हो सकता है।

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कांग्रेस पार्टी 1998 में सत्ता में आई थीं और 15 साल तक शीला दीक्षित का शासन रहा था। इसके बाद 2013 में हुए चुनाव में पहली बार चुनाव लड़ने उतरी BJP ने 32 सीटें जीती थीं, जबकि दूसरे नंबर पर नई आम आदमी पार्टी रही थी। उसे 28 सीटें मिली थी, जबकि कांग्रेस पार्टी सत्ता से बाहर होते हुए महज 8 सीटें मिली थीं। यहीं से कांग्रेस दिल्ली की सियासत में हाशिए पर चली गई थी।

2015 के विधानसभा चुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी 67 सीटों पर जीती थीं, जबकि दूसरे नंबर पर आई बीजेपी को महज 3 सीटें मिली थीं। तीसरे नंबर कांग्रेस को कोई भी सीट नहीं मिली थी। इसी तरह 2020 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी का कोई भी प्रतिनिधि विधानसभा नहीं पहुंच सका था। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 सीटें मिली थी, जबकि बीजेपी क 8 सीटें मिली थीं।

कुल मिलाकर देखें तो दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल्स के नतीजे यह स्पष्ट दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस फिलहाल दिल्ली की सियासत में जिस स्थिति में फंसी है, वहां से उसका रिवाइवल होना इस चुनाव में काफी मुश्किल है। हालांकि एग्जिट पोल्स और नतीजों में अंतर हो सकता है। इसलिए हमें विश्लेषण के लिए अभी 8 फरवरी तक का इंतजार तो करना ही होगा। दिल्ली चुनाव से संबंधित अन्य खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।