Arvind Kejriwal Punjab CM News: दिल्ली के अप्रत्याशित नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल एक्शन मोड में आ चुके हैं, उन्हें अपने भविष्य पर बड़ा फैसला लेना है। इस बीच आज मंगलवार को उनकी तरफ से पंजाब के सभी विधायकों के साथ एक मीटिंग की जाएगी। इस मीटिंग को काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि दिल्ली के बाद पंजाब ही एक ऐसा राज्य है जहां पर आम आदमी पार्टी की सरकार चल रही है।
अब अरविंद केजरीवाल की इस एक बैठक को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं, यहां तक कहा जा रहा है कि सीएम भगवंत मान की सीएम कुर्सी खतरे में है। अब यह नेरेटिव कांग्रेस और बीजेपी के नेता ज्यादा सेट कर रहे हैं, तर्क दिया जा रहा है कि मान की विफलताओं को आधार बनाकर पंजाब में ही सत्ता परिवर्तन किया जा सकता है। अभी के लिए यह सब अटकलें हैं, लेकिन दिल्ली की सियासत जिस तरह से बदली है, किसी भी संभावना से नकारा भी नहीं जा रहा।
यहां पर समझने वाली बात यह भी है कि अरविंद केजरीवाल राज्यसभा जाने का रास्ता भी चुन सकते हैं, लेकिन उसके लिए उनका इंतजार थोड़ा लंबा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि पंजाब में तो राज्यसभा चुनाव 2028 में है तो वही दिल्ली में राज्यसभा चुनाव 2030 में होने हैं। ऐसे में केजरीवाल क्या सक्रिय राजनीति से इतना दूर रह पाएंगे, क्या वे इतना टाइम लेना चाहेंगे?
अब पंजाब के सीएम बनने की खबरें क्यों आ रही हैं, इसका भी एक आधार है। असल में लुधियाना सीट खाली पड़ी है, ऐसे में कहा जा रहा है कि वहां से चुनाव लड़ केजरीवाल पंजाब की राजनीति में पूरी तरह सक्रिय हो सकते हैं और फिर दिल्ली के बजाय वहां से आम आदमी पार्टी को चला सकते हैं। लेकिन यह सब सिर्फ अटकलें हैं और सीएम भगवंत मान भी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। वैसे पंजाब में इस समय राजनीतिक स्थिति जैसी चल रही है, आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किलें बड़ी हैं।
असल में महिलाओं को खाते में मिलने वाले पैसे, राज्य की कानून व्यवस्था, ड्रग माफिया का मजबूत होता रैकेट कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिस वजह से सीएम भगवंत मान के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है। इसी वजह से कुछ जानकार मान रहे हैं कि दिल्ली जैसा हाल पंजाब में भी देखने को मिल सकता है। अब उसी हाल को रोकने के लिए अरविंद केजरीवाल विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं, उनकी पहली प्राथमिकता तो यह है कि पंजाब यूनिट को एकजुट रखा जाए क्योंकि टूट की खबर भी सियासी गलियारों में चल रही है। वैसे एकजुट तो केजरीवाल रख सकते थे अगर वे ममता बनर्जी से कुछ बातें सीख लेते, शायद उनकी दिल्ली में सरकार भी नहीं जाती। और जानने के लिए यहां क्लिक करें