दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत हुई है और आम आदमी पार्टी की करारी हार हुई है। दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी खेमे में खलबली है। उनका मानना है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को साथ में चुनाव लड़ना चाहिए था। उनका मानना है कि अगर ऐसा होता तो भाजपा बहुमत के साथ सत्ता में नहीं आती। शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि दोनों ही दलों को साथ में चुनाव लड़ना था और कांग्रेस की अधिक जिम्मेदारी बनती है।
संजय राउत ने कहा, “हम सभी इंडिया गठबंधन के भागीदार हैं। कांग्रेस हमारी सीनियर पार्टनर है और राहुल गांधी हमारे नेता हैं। वरिष्ठ साथी की जिम्मेदारी है कि वह सभी को साथ लेकर चलें। यह आप की भी जिम्मेदारी थी। गठबंधन पर चर्चा होनी चाहिए थी। अगर गठबंधन होता तो शायद परिणाम अलग होते और भाजपा नहीं जीतती। इसके लिए आप और कांग्रेस दोनों जिम्मेदार हैं। गठबंधन की राजनीति में कोई अहंकार नहीं होना चाहिए। कांग्रेस को बड़े भाई की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।”
संजय राउत ने कहा कि हम महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ 25 साल तक गठबंधन में रहे। 25 साल तक गठबंधन में रहना बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि अभी भी हम महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी के अंदर काम कर रहे हैं और हमें पता है कि गठबंधन में कैसे काम करना होता है।
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पत्रकारों ने संजय राउत से इंडिया गठबंधन में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर भी सवाल पूछा। पत्रकारों ने पूछा कि क्या आप भी मानते हैं कि ममता बनर्जी को गठबंधन का नेता बनाना चाहिए? इसके जवाब में संजय राउत ने कहा कि अभी तक हम बैठे नहीं है। जब हम साथ बैठेंगे तब जिसको जो भी चर्चा करनी होगी, उस पर चर्चा होगी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। वहीं भाजपा को 48 सीटों पर जीत हासिल हुई जबकि आम आदमी पार्टी को 22 सीटों पर जीत मिली है। अहम बात यह है कि 13 सीटों पर कांग्रेस को जो वोट मिले हैं, उससे कम वोटों से ही आम आदमी पार्टी, बीजेपी से हारी है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर गठबंधन हुआ होता तो परिणाम कुछ और होते।