दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली की AAP सरकार को फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने CAG रिपोर्ट पर विचार करने में देरी के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से आपने अपने कदम खींचे हैं, उससे आपकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि आपको CAG रिपोर्ट को तुरंत स्पीकर को भेजना चाहिए था और सदन में चर्चा करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कोर्ट इस मामले को आज दोपहर 2:30 बजे सुनेगा।
वहीं दिल्ली विधानसभा सचिवालय की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि फरवरी में विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा था। इसके कारण रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने से उद्देश्य पूरा नहीं होगा। 7 भाजपा विधायकों ने CAG रिपोर्ट पेश करने के मुद्दे पर याचिका डाली थी। दिल्ली विधानसभा सचिवालय की ओर से कहा गया कि संविधान के तहत विधानसभा की बैठक बुलाने का विशेषाधिकार स्पीकर का है और उनके आंतरिक कामकाज का हिस्सा है।
हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार, विधानसभा के स्पीकर और अन्य से भाजपा विधायकों की याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका में 14 CAG रिपोर्ट्स को पेश करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की गई थी। हालांकि दिल्ली सरकार ने बताया कि सभी रिपोर्ट स्पीकर को भेजी जा चुकी है।
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भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने तर्क दिया कि एक सदस्य के रूप में हमें रिपोर्ट प्राप्त करने और उन पर चर्चा करने का अधिकार है। उन्होंने ही अदालत से स्पीकर का विशेष सत्र बुलाने का निर्देश दिया था। हालांकि अदालत ने कहा कि वह तुरंत स्पीकर को आदेश नहीं दे सकती लेकिन दोनों पक्षों को सुनने की आवश्यकता है। इस बीच दिल्ली सरकार ने याचिका का विरोध किया है।
दिल्ली सरकार ने याचिका को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है। इसके अलावा दिल्ली सरकार काउंटर एफिडेविट दाखिल कर सकती है। वहीं विजेंद्र गुप्ता के वकील ने कहा कि मामला राजनीतिक नहीं बल्कि सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने का है। इसे चुनावी घोषणाओं से पहले ही पेश किया जाना था।