Delhi Government: आगामी सर्दियों के मौसम में दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति खराब नहीं हो, इससे निपटने के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की तरफ से बुधवार को दो अलग-अलग आदेश जारी किए गए हैं। जिसके दिल्ली में 1 जुलाई से 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों और 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ियों ईंधन नहीं देने के आदेश दिए हैं। साथ ही अन्य आदेश में सभी तरह के परिवहन/वाणिज्यिक माल वाहनों का एक नवंबर, 2025 से दिल्ली में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके साथ ही एक अन्य आदेश और भी जारी किया गया है जिसमें बीएस-3 और बीएस-4 वाली डीजल संचालित गाड़ियों के दिल्ली प्रवेश वर्जित रहेगा।
प्रतिबंधित वाहनों में खासकर एलजीवाई, एमजीवी और एचजीवी (बीएस-VI, सीएनजी, एलएनजी और आईएलवी के अलावा) सभी वाहनों का प्रवेश दिल्ली में सख्त रूप से प्रतिबंधित रहेगा। हालांकि दिल्ली में पंजीकृत वाहनों ऐसे गैर-आईएलएस-वीएल अनुपालन परिवहन/वाणिज्यिक माल वाहन जो आवश्यक वस्तुओं को लाने ले जाने और आवश्यक सेवाएं प्रदान करने का काम करते हैं। उनको दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। इन सभी को भी केवल 31 अक्टूबर 2026 तक सीमित अवधि के लिए अनुमति दी जाएगी। इसके बाद ऐसी वस्तुओं/सेवाओं को केवल सीएनजी/एलएनजी/बीवी/यूएस-VI डीजल वाहनों के माध्यम से ही पूरा किया जाना होगा।
दिल्ली सरकार और एनसीआर राज्यों में परिवहन विभाग/ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिए है कि वह सभी हितधारकों के बीच व्यापक रूप से इसको प्रसारित करने का काम करे। वहीं, दिल्ली में सभी सीमा प्रवेश बिंदुओं पर प्रभावी कार्यान्वयन/सुदृढ़ीकरण उपायों और उनकी नियमित निगरानी/समीक्षा के माध्यम से 1 नवंबर, 2025 से सख्त अनुपालन सुनिश्चित किया जा सकेगा। संबंधित एजंसियों द्वारा की गई कार्रवाई पर आयोग को त्रैमासिक रपट भी पेश की जाएगी।
आयोग ने वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण का बड़ा योगदान माना है। इसलिए परिवहन क्षेत्र से संबंधित वायु प्रदूषण नियंत्रण प्रयासों को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए जिन वाहनों की अवधि समाप्त (ईओएल) हो गई, उनको समाप्त करना बहुत जरूरी है। इस तरह से अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को एनसीआर में चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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आदेश के मुताबिक ईंधन पंप स्टेशनों पर स्थापित एएनपीआर कैमरों या अन्य ऐसी प्रणालियों के माध्यम से पहचाने गए सभी ईओएल वाहनों को दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक जुलाई 2025 से ईंधन नहीं दिश जाएगा। वहीं, 5 एचवीडी जिलों जिनमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत शामिल हैं, इनमें 1 नवंबर 2025 से और बाकी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 01 अप्रैल 2026 से ऐसे वाहनों को ईंधन देने से मना कर दिया जाएगा। इस तरह के वाहनों के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई किया जाना जरूरी है।
दिल्ली में जिन वाहनों की निर्धारित अवधि समाप्त हो गई है, मार्च 2025 तक उनकी संख्या अनुमानित 61 लाख 14728 आंकी गई है। वहीं, हरियाणा में इनकी संख्या 27,50,152, उत्तर प्रदेश में 12,69,598 और राजस्थान में 6,20,962 बताई गई है। दिल्ली में 2023 तक 22397 और 2024 में 39273 वाहनों को जब्त किया जा चुका है जबकि हरियाणा में 2023 में 220 और 2024 में 4021, उत्तर प्रदेश में 3058 और 2024 में 1934 और राजस्थान में 2023 में 389 और 2024 में 1107 वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई की गई है।
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(जनसत्ता के लिए भूपेन्द्र पांचाल की रिपोर्ट)