ED ने छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले के सिलसिले में राज्य के पूर्व आबकारी मंत्री एवं कांग्रेस विधायक कवासी लखमा को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने बताया कि लखमा को रायपुर की एक विशेष अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें 21 जनवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया। इस मामले पर कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने कहा कि PwD परियोजना में भ्रष्टाचार का खुलासा करने के कारण लखमा पर कारवाई की।

गिरफ्तार पार्टी नेता कवासी लखमा पर कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने कहा, ”2022 में ईडी ने कवासी लखमा के खिलाफ कार्रवाई की। 3 साल बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। 20 दिसंबर को अपने निर्वाचन क्षेत्र में विधानसभा सत्र के दौरान कवासी लखमा ने भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने आचार संहिता के दौरान PwD परियोजना में भ्रष्टाचार का खुलासा किया, यह परियोजना बिना बजट अनुमोदन, विभागीय मंजूरी या टेंडर के शुरू हुई और प्रश्न के दिन ही टेंट खुल गए। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, सरकार ने लखमा और उनके परिवार वालों के घर छापा मारा, उन्हें न तो पैसे मिले, न दस्तावेज़।”

छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा बस्तर क्षेत्र से पार्टी के सबसे मजबूत नेता हैं। माओवादियों के गढ़ सुकमा जिले के कोंटा से ताल्लुक रखने वाले यह आदिवासी नेता कोंटा से छह बार विधायक बने हैं। लखमा बेबाकी से बोलने और अक्सर विवाद पैदा करने वाली टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं।

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हालांकि, सुर्खियों में वह सबसे ज्यादा 2013 के विधानसभा चुनावों से पहले झीरम घाटी में कांग्रेस के काफिले पर हुए माओवादी हमले में बाल-बाल बचने पर आए थे जिसमें राज्य स्तर पर पार्टी का पूरा नेतृत्व खत्म हो गया था। काफिले में जीवित बचे कुछ लोगों में लखमा के साथ, तत्कालीन सत्तारूढ़ भाजपा के प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने उनके और माओवादियों के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया था और विधायक के नार्को टेस्ट की मांग की थी।

बस्तर के पूर्व कांग्रेस नेता अरविंद नेताम जो इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री थे, उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि लखमा का चुनावी राजनीति में प्रवेश तब शुरू हुआ जब पार्टी 1998 के विधानसभा चुनावों से पहले बस्तर में चेहरों की तलाश कर रही थी (तब छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश का हिस्सा था)।

अरविंद नेताम ने कहा, “कोंटा सीट पर उनके पूर्ववर्ती कमज़ोर थे और हमें दो बार के सीपीआई विधायक मनीष कुंजम के ख़िलाफ़ एक मज़बूत उम्मीदवार की ज़रूरत थी। लखमा जो अशिक्षित थे, उनका आईक्यू अच्छा था और वे एक अच्छे वक्ता थे। वे बैलों का व्यापार करके भी अलग पहचान रखते थे। लखमा ने कोंटा चुनाव के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और मनीष कुंजाम को लगातार पांच बार हराया।

2018 में जब छत्तीसगढ़ में 15 साल के बीजेपी शासन के बाद कांग्रेस सत्ता में लौटी तो लखमा को मंत्री बनाया गया। उस समय कुछ लोगों ने यह बात उठाई थी कि वे पढ़-लिख नहीं सकते। इस पर लखमा ने कहा था, “भगवान ने मुझे दिमाग दिया है, मैं गरीबों और वंचितों के लिए काम करूंगा और उनके हितों का प्रतिनिधित्व करूंगा।”

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2023 के विधानसभा चुनावों में, जब भाजपा ने कांग्रेस को हराकर सत्ता में वापसी की तो लखमा और पूर्व सीएम भूपेश बघेल अपनी सीट बरकरार रखने वाले 13 में से चार मंत्रियों में शामिल थे। लखमा की लोकप्रियता का फायदा उठाते हुए कांग्रेस ने उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में बस्तर सीट से मैदान में उतारा (मौजूदा सांसद दीपक बैज के आगे, जिन्हें राज्य पार्टी प्रमुख बनाया गया। हालांकि, लखमा लोकसभा चुनाव हार गए।

ईडी ने सबसे पहले लखमा के घर पर पिछले साल 29 दिसंबर को छापा मारा था, कांग्रेस सरकार के दौरान 2,161 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले के सिलसिले में। ईडी ने अदालत को बताया कि लखमा ने 72 करोड़ रुपये जमा किए, जिसका कुछ हिस्सा बेटे हरीश के साथ मिलकर सुकमा में कांग्रेस भवन और घर बनवाया। ईडी ने अब लखमा को छह दिनों के लिए हिरासत में ले लिया है और कहा है कि वह यह पता लगाना चाहता है कि पैसा कहां गया।

दिसंबर में छापेमारी के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए लखमा ने कहा था, “उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मुझे शराब घोटाले के बारे में कुछ पता है। मैंने कहा कि मैंने टीवी और अखबारों में देखा कि घोटाला हुआ है लेकिन यह मेरे संज्ञान में नहीं आया। मैं अनपढ़ हूं, मेरे सामने जो भी कागज आया वह त्रिपाठी (सह-आरोपी अरुण पति त्रिपाठी, तत्कालीन विशेष सचिव वाणिज्य एवं उद्योग विभाग) का था, मैंने बस उस पर हस्ताक्षर कर दिए। कभी-कभी मेरा पीए मुझे नोट पढ़कर सुनाता था लेकिन उन्होंने मुझसे किस पर हस्ताक्षर करवाए, मुझे नहीं पता।”

अपने खिलाफ लगे आरोपों में राजनीति का आरोप लगाते हुए लखमा ने कहा, “शराब घोटाले की जांच एक साल से चल रही है तब उन्होंने मेरे खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? अब मैंने विधानसभा में खराब पुलों और फर्जी टेंडरों, आश्रमों में बच्चों की मौत और फर्जी मुठभेड़ों के बारे में सवाल उठाए हैं और आरोप लग गए हैं। स्थानीय निकाय चुनाव नजदीक आ रहे हैं इसलिए वे मुझे बदनाम करना चाहते हैं और कांग्रेस को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।” देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ें jansatta.com का LIVE ब्लॉग