Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में जब एअर इंडिया का प्लेन बीजे मेडिकल कॉलेज से टकराया उस वक्त मंजर धुएं के गुबार में था। आसपास आग की लपटों के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। लेकिन उस वक्त 56 साल के निर्माण व्यवसायी राजू पटेल बिना किसी हिचकिचाहट के घटनास्थल पर पहुंचे। राजू पटेल एक निर्माण व्यवसायी हैं। वो दुर्घटना स्थल से कुछ ही मिनटों की दूरी पर थे। जैसे ही उन्हें एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर मिली, वह अपनी टीम के साथ तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। महज पांच मिनट में वे वहां पहुंच गए।
राजू पटेल ने दुर्घटनास्थल पर जो कुछ भी देखा वो काफी परेशान करने वाला था। पटेल ने वहां धुएं का गुबार, आग की उठती हुई लपटें देखीं। वो कहते हैं कि लोग वहां बुरी तरह मदद के लिए चीख रहे थे। यह आग और तबाही के बीच का मंजर था। उन्होंने घायलों को उस दर्दनाक मंजर से निकालने के लिए जी तोड़ मेहनत की और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
घायलों की मदद करने के बाद राजू पटेल ने मलबे से सोने के आभूषण, नकदी और जरूरी दस्तावेज निकालने का काम किया। राजू को इस दौरान 70 तोला सोना और 80,000 रुपये नकद मिले। जिसको राजू ने जांच अधिकारियों को सौंप दिया।
उस भयानक मंजर को याद करते हुए 56 साल के राजू हुए कहते हैं कि शुरुआती 15 से 20 मिनट तक हम मुश्किल से ही आग के करीब पहुंच पाए। आग बहुत भयंकर थी। लेकिन जब पहली फायर ब्रिगेड आई, उसके बाद 108 एंबुलेंस आई, तो हम मदद के लिए आगे आए।
राजू कहते हैं शुरुआती चरण में स्ट्रेचर न होने के कारण उन्होंने घायलों को एंबुलेंस तक ले जाने के लिए साड़ियों और चादरों का इस्तेमाल किया। शाम 4 बजे तक बचाव कार्य लगभग पूरा हो गया। इसके बाद पटेल और उनकी टीम अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में जुट गई।
पटेल और उनकी टीम के सदस्यों ने जगह-जगह बिखरे जले हुए बैगों को छांटना शुरू किया। वो कहते हैं कि हमें चूड़ियों और अन्य गहनों के अलावा बक्सों में 70 तोले सोने के आभूषण मिले। हमें बैगों से 80,000 रुपये नकद, भगवद गीता की एक प्रति और पासपोर्ट भी मिले। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि हमने ये सब एकत्र किया और अधिकारियों को सौंप दिया।
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अधिकारियों ने राजू को उस शाम 9 बजे तक साइट पर काम जारी रखने की अनुमति दी। व्यवसायी ने कहा कि मैं आभारी हूं कि हम कुछ कर सके।
रविवार को गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि पीड़ितों से संबंधित सामान एकत्र किया जा रहा है। उनका दस्तावेजीकरण किया जा रहा है, तथा उन्हें दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को लौटा दिया जाएगा।
पटेल, जिन्होंने 2008 के अहमदाबाद सीरियल धमाकों के दौरान पहले भी स्वयंसेवक के रूप में काम किया था। उन्होंने कहा कि यह अब तक का सबसे विनाशकारी आपातकाल था। उन्होंने कहा कि मैं सिविल अस्पताल से सिर्फ़ 100 मीटर की दूरी पर था, जब एक बम विस्फोट हुआ, जिसमें कई लोग मारे गए। हालांकि, दुर्घटना से हुई तबाही, आग की लपटें, नुकसान कुछ ऐसा है जिसे मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा। वहीं, अहमदाबाद विमान हादसे का एक नया दिल दहलाने वाला वीडियो सामने आया है। पढ़ें…पूरी खबर।