Vadodara Bridge Collapse: गुजरात के वडोदरा में हुए पुल हादसे के बाद राज्य सरकार एक्शन मोड में आ गई है। गुरुवार को सरकार ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए दुर्घटना के लिए जिम्मेदार गुजरात सड़क एवं भवन विभाग के चार इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

राज्य सरकार ने यह कार्रवाई शुरुआती जांच के आधार पर की है। इस दौरान सरकार ने एनएम नाइकवाला (एग्जीक्यूटिव इंजीनियर), यूपी पटेल (डिप्टी एक्जीक्यूटिव इंजीनियर), आरटी पटेल (डिप्टी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर) और जेवी शाह (असिस्टेंट इंजीनियर) को निलंबित कर दिया है।

घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वडोदरा और आणंद को जोड़ने वाले इस पुल हादसे को लेकर विस्तृत और गहन हाई लेवल जांच के निर्देश दिए थे।

मुख्यमंत्री ने एक्सपर्ट की एक टीम को दुर्घटना प्रभावित मुजपुर-गंभीरा पुल पर अब तक की गई मरम्मत, निरीक्षण और गुणवत्ता जांच जैसे मुद्दों पर एक रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। जिसके बाद एक्सपर्ट की टीम ने दुर्घटना स्थल का दौरा करने के बाद हादसे के कारणों की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी और मुख्य रूप से चार अधिकारियों को दुर्घटना के लिए जिम्मेदार बताया था। उसी रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने इन चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया।

यह पुल हादसा बुधवार को हुआ था। जिसके बाद बचाव कार्य गुरुवार को भी युद्धस्तर पर जारी रहा। वडोदरा जिले के पुलिस अधीक्षक रोहन आनंद ने बताया कि बचाव एवं तलाश अभियान अब भी जारी है।

इस घटना के बाद से नदी से अब तक 17 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि तीन से चार लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। इस हादसे में नौ अन्य लोग भी घायल हो गए थे। घायलों में से पांच को पादरा सीएचसी और वडोदरा एसएसजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जबकि चार घायलों को उपचार के बाद कल और दो लोगों को आज छुट्टी दे दी गई तथा तीन का उपचार अब भी जारी है।

बता दें, गुजरात के वडोदरा जिले के पादरा क्षेत्र में महिसागर नदी पर बना मुजपुर-गंभीरा पुल का एक स्लैब बुधवार (9 जुलाई, 2025) को अचानक ढह गया था। इस पुल से गुजर रहे कई वाहन नदी में गिर गए थे। अब तक इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो चुकी है।

गुजरात में 2021 से अब तक पुल ढहने की कम से कम छह बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। दिसंबर 2021 में, अहमदाबाद शहर के बाहरी इलाके में मुमतपुरा फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान सड़क पर एक स्लैब गिर गया था। गनीमत रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। अक्टूबर 2022 में, मोरबी शहर में मच्छू नदी पर बने एक ब्रिटिशकालीन सस्पेंशन ब्रिज के ढह जाने से 135 लोगों की मौत हो गई थी, जब उस पर 200 से ज़्यादा पर्यटक सवार थे।

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जून 2023 में, तापी ज़िले में मिंधोला नदी पर बना एक नवनिर्मित पुल ढह गया, हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ। सितंबर 2023 में सुरेंद्रनगर ज़िले में भोगावो नदी पर बने एक पुराने पुल का एक हिस्सा ढह गया, जब वधावन शहर के पास एक 40 टन का डंपर उस पर से गुज़र रहा था।

अक्टूबर 2023 में बनासकांठा के पालनपुर शहर में आरटीओ सर्कल के पास एक निर्माणाधीन पुल के खंभों पर लगाए गए छह कंक्रीट गर्डर या स्लैब अचानक गिर जाने से ऑटोरिक्शा में बैठे दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी।

अगस्त 2024 में सुरेंद्रनगर जिले के चोटिला कस्बे को हबियासर गांव से जोड़ने वाला भोगाव नदी पर बना एक छोटा पुल, एक अतिप्रवाहित बाँध से पानी के अचानक बढ़ने के कारण ढह गया। इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। वहीं, गंभीरा ब्रिज को लेकर कांग्रेस नेता ने 3 साल पहले चेतावनी दी थी। पढ़ें…पूरी खबर।