Assam News: असम में पूजा स्थलों के पास संदिग्ध मवेशियों के अवशेष बरामद होने की कई घटनाएं सामने आई है, जिसके गोमांस और मवेशियों के मुद्दे पर नए सिरे से राजनीति शुरू हो गई है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को कहा कि सरकार असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 के प्रवर्तन को कड़ा करेगी, जबकि असम कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने अगले साल होने वाले चुनावों से पहले इन घटनाओं में बीजेपी की संलिप्तता का आरोप लगाया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो हफ़्तों में असम के धुबरी, ग्वालपाड़ा और लखीमपुर में कम से कम 72 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। इन तीन अलग-अलग घटनाओं में पहले दो स्थानों पर मंदिरों के पास और लखीमपुर में एक नामघर (सामुदायिक प्रार्थना कक्ष) के पास संदिग्ध मवेशियों के अवशेष बरामद किए गए।
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दूसरी ओर इस मुद्दे पर सीएम हिमंता बिसवा सरमा ने शुक्रवार को इसे “ईद उल ज़ुहा के बाद से” अशांति पैदा करने का प्रयास बताया था। वहीं एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये सभी घटनाएं “संवेदनशील क्षेत्रों” में हुई हैं। सीएम हिमंत बिसवा सरमा ने कहा कि जब हम इन सभी घटनाओं को देखते हैं और जहां भी वे हुई हैं, वे उन इलाकों के पास हैं जहां ईद उल जुहा के दौरान गोमांस खाने की व्यवस्था की गई है।
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सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि हमारे मवेशी संरक्षण विधेयक में कहा गया है कि अगर हिंदू लोग किसी इलाके में रहते हैं, या अगर वहां मंदिर या नामघर हैं, तो उनके आस-पास के 5 किलोमीटर के दायरे में इस तरह का मांस नहीं खाया जा सकता है। यह एक कानूनी प्रावधान है।
सीएम हिमंता जिस असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 का उल्लेख कर रहे थे, उसमें उन क्षेत्रों में गोमांस और गोमांस उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाती है, जहां मुख्य रूप से हिंदू, जैन, सिख और अन्य गैर-गोमांस खाने वाले समुदाय रहते हैं या किसी भी मंदिर, सत्र या हिंदू धर्म से संबंधित अन्य धार्मिक संस्थानों या किसी अन्य संस्थान या क्षेत्र के 5 किमी के दायरे में, जैसा कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्धारित किया जा सकता है।
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सरमा ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे परिसरों के 5 किलोमीटर के दायरे में मवेशियों की कुर्बानी (बलिदान) रोकने के लिए एक एसओपी तैयार करेगी और कहा कि इसका कार्यान्वयन “एक स्थायी समाधान हो सकता है।
उन्होंने कहा कि धुबरी में देश के प्रमुख गुरुद्वारों में से एक है। और उसके पास कई मंदिर भी हैं लेकिन इस बार ईद के समय जिला प्रशासन ने इस प्रावधान को उस तरह से लागू नहीं किया जैसा कि किया जाना चाहिए था। इसलिए, हमने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि हमारे मवेशी संरक्षण विधेयक में इस महत्वपूर्ण खंड को बहुत सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। यह एक स्थायी समाधान हो सकता है। अगर 5 किलोमीटर के प्रावधान को लागू किया जाता है, तो कोई भी धुबरी शहर के भीतर न तो खा सकता है और न ही कोई वध कर सकता है।
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