असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भारत की चिकन नेक पर सवाल उठाने को लेकर बांग्लादेश को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में दो चिकन नेक हैं जो पूर्वोत्तर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले भारत के ‘चिकन नेक’ कॉरिडोर से ज्यादा असुरक्षित हैं। उनका यह बयान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के कुछ महीनों पहले चीन की यात्रा के दौरान दिए गए बयान के बाद आया है।

मोहम्मद यूनुस ने कहा था, “बांग्लादेश भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों के लिए महासागर का एकमात्र संरक्षक है तो यह चीनी अर्थव्यवस्था का विस्तार हो सकता है। चीजें बनाएं, चीजें उत्पादित करें, चीजों की मार्केटिंग करें, चीजों को चीन में लाएं, उन्हें पूरी दुनिया में ले जाएं।”

रविवार को एक्स पर एक पोस्ट में सरमा ने कहा, “जो लोग आदतन ‘चिकन नेक कॉरिडोर’ पर भारत को धमकाते रहते हैं, उन्हें ये तथ्य भी ध्यान में रखने चाहिए कि बांग्लादेश के पास अपने दो चिकन नेक हैं। दोनों ही कहीं ज़्यादा कमज़ोर हैं।”

To those who habitually threaten India on the “Chicken Neck Corridor”, should note these facts as well:1️⃣ Bangladesh has two of its own “chicken necks”. Both are far more vulnerable 2️⃣ First is the 80 Km North Bangladesh Corridor- from Dakhin Dinajpur to South West Garo… pic.twitter.com/DzV3lUAOhR

सीएम ने आगे लिखा, “पहला है 80 किलोमीटर लंबा उत्तरी बांग्लादेश कॉरिडोर – दखिन दिनाजपुर से दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स तक। यहां कोई भी व्यवधान, पूरे रंगपुर डिवीजन को बांग्लादेश के बाकी हिस्सों से पूरी तरह से अलग कर सकता है। दूसरा है 28 किलोमीटर लंबा चटगाँव कॉरिडोर, जो दक्षिण त्रिपुरा से बंगाल की खाड़ी तक है। यह कॉरिडोर जो भारत के चिकन नेक से भी छोटा है, बांग्लादेश की आर्थिक राजधानी और राजनीतिक राजधानी के बीच एकमात्र संपर्क है। मैं केवल भौगोलिक तथ्य प्रस्तुत कर रहा हूँ, जिन्हें कुछ लोग भूल सकते हैं।”

असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, मिज़ोरम, त्रिपुरा और सिक्किम के पूर्वोत्तर राज्यों की सामूहिक रूप से बांग्लादेश के साथ 1,596 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा, चीन के साथ 1,395 किलोमीटर लंबी सीमा, म्यांमार के साथ 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा, भूटान के साथ 455 किलोमीटर लंबी सीमा और नेपाल के साथ 97 किलोमीटर लंबी सीमा है। ये राज्य भारत के बाकी हिस्सों से सिर्फ़ 22 किलोमीटर लंबी ज़मीन के ज़रिए जुड़े हुए हैं जिसे ‘चिकन नेक कॉरिडोर’ कहा जाता है । पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स