History Of Mysore Pak Mithai: क्या मिठाइयों की भी कोई जाति धर्म होती है? क्या किसी मिठाई को एक देश तक सीमित किया जा सकता है? ये सवाल इसलिए क्योंकि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक शब्द वायरल हो चुका है। हम बात कर रहे हैं दक्षिण भारत की मशहूर मिठाई मैसूर पाक की। जयपुर की एक मिठाई की दुकान ने भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच मैसूर पाक मिठाई का नाम भी बदल दिया था। उन्होंने ‘पाक’ शब्द की जगह ‘श्री’ लिख दिया यानी कि उनकी दुकान पर इस मिठाई का नाम हो गया मैसूर श्री।

लेकिन सोशल मीडिया पर इस एक्सपेरिमेंट को या कहना चाहिए इस फैसले का ज्यादा स्वागत नहीं हुआ। लोगों ने इस पर आपत्ति दर्ज करवाई, कुछ ने यहां तक समझाया कि इस मिठाई के नाम में पाक शब्द जो इस्तेमाल हो रहा है, उसका अर्थ पाकिस्तान से नहीं है।

वही बात जिस मैसूर पाक मिठाई की हो रही है, उसका ताल्लुक दक्षिण भारत के मैसूर से है। यह बात 1902 से 1940 के बीच की है तब मैसूर में महाराज नलवाड़ी कृष्णा राज वोडियार का शासन हुआ करता था। इतिहास के पन्ने टटोलने पर पता चलता है कि राजा खाना खाने के काफी शौकीन थे, उनके साम्राज्य में हर प्रकार के व्यंजन बनाए जाते थे। इसी खाने के शौक की वजह से राजा के पास उनका एक खास रसोईया भी था, उनका नाम था- काकासुर।

अब काकासुर खाना बनाने में एक्सपर्ट थे, राजा की हर ख्वाहिश वे पूरी भी करते थे। लेकिन एक दिन वे मिठाई बनाना भूल गए, उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था बिना मिठाई के राजा को खाना कैसे परोसा जाए। तब एक बड़ा एक्सपेरिमेंट किया गया और एक अलग ही मिठाई निकलकर सामने आई।

काकासुर ने बेसन और घी में चाशनी मिलाई और राजा को खाना परोस दिया। जब तक खाना खत्म हुआ, वह मिठाई भी थोड़ी हार्ड बन चुकी थी। जैसे ही महाराज ने उसे खाया, उन्होंने जानना चाहा आखिर यह था क्या। सामने से उनके रसोइये ने बोला कि यह पाका है और क्योंकि यह मैसूर में बना है इसलिए इसे मैसूर पाक कह सकते हैं। यहां पर समझने की जरूरत है कि कन्नड़ भाषा में पाक का मतलब चीनी की चाशनी में मिला एक मिश्रण होता है। इसी वजह से इस मिठाई का नाम भी मैसूर पाक रखा गया था।

यहां भी जिस पाक शब्द का इस्तेमाल हो रहा है, उसकी उत्पत्ति संस्कृत भाषा में दिखाई देती है। पाक का मतलब है जब किसी धातु को आग में डालते हैं और एक नई चीज बनकर बाहर निकलती है। हिंदू धर्म में तो कहा गया है जब भी आग से कोई चीज होकर निकलती है तो वो पवित्र बन जाती है, यही से पाक शब्द आया था अब बाद में मैसूर पाक बन गया। मैसूर पाक दक्षिण भारत में प्रसाद के रूप में भी दी जाती है। इसका मिठाई का पाकिस्तान से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है।