Operation Sindoor: भारत ने बुधवार की सुबह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के अंदर 9 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया। यह ऑपरेशन सेना, नौसेना और वायु सेना द्वारा संयुक्त रूप से भारत की धरती से ही चलाया गया।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक केंद्रित, नपा-तुला था। इसमें किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया। रक्षा मंत्रालय द्वारा 1:44 बजे जारी बयान के अनुसार, इस अभियान को “केंद्रित और नपा-तुला बताया गया।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इन हमलों में बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का मुख्यालय और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का ठिकाना शामिल था। इन हमलों ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए क्रूर आतंकी हमले का बदला लिया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी।
आतंकवादी ठिकानों के सटीक जानकारी खुफिया एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराई गई।
भारतीय सेना ने भारत में आतंकवादी गतिविधियों को प्रायोजित करने में भूमिका के लिए जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाने के इरादे से हमले के लिए स्थान का चयन किया था।
तीनों सेनाओं – भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन और परिसंपत्तियों और सैनिकों की लामबंदी की।
आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाने के लिए विशेष सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया गया।
भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक निशाना बनाए गए नौ लक्ष्यों में से चार पाकिस्तान में तथा पांच पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में थे।
पाकिस्तान स्थित लक्ष्यों में बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट शामिल थे।
भारत ने पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालयों को निशाना बनाया। ऑपरेशन का मुख्य केंद्र बहावलपुर में प्रतिबंधित आतंकी समूहों जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मुख्यालय था।
बता दें, बहावलपुर लंबे समय से JeM का ठिकाना रहा है, जब से इसके संस्थापक, संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी मसूद अज़हर को 1999 में रिहा किया गया था। JeM भारत में पुलवामा और संसद सहित कई बड़े हमलों के पीछे रहा है।
मुरीदके के हाफ़िज़ सईद के नेतृत्व में लश्कर ने 2008 के मुंबई हमलों की साजिश रची थी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया, और जवाबी कार्रवाई को “नपी-तुली और गैर-बढ़ावा देने वाली” कार्रवाई बताया।
सटीक हमलों के बाद, भारत ने विश्व के कई देशों से संपर्क किया और वरिष्ठ अधिकारियों को पाकिस्तान के खिलाफ अपनी आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों के बारे में जानकारी दी। एनएसए अजीत डोभाल ने अमेरिकी एनएसए और विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की और उन्हें की गई कार्रवाई की जानकारी दी।
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वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने कहा, ‘भारत के पास विश्वसनीय सुराग, तकनीकी जानकारी, जीवित बचे लोगों के बयान और अन्य साक्ष्य हैं जो इस हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों की स्पष्ट संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं।” इसमें कहा गया है, “यह उम्मीद की जा रही थी कि पाकिस्तान आतंकवादियों और उन्हें समर्थन देने वाले बुनियादी ढांचे के खिलाफ कार्रवाई करेगा।”
दूतावास ने कहा, “इसके बजाय, बीते पखवाड़े के दौरान पाकिस्तान ने इनकार किया है और भारत के खिलाफ झूठे अभियान चलाने का आरोप लगाया है।”
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