Pope Election: कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस की सेहत पिछले दिनों काफी खराब रही और उन्हें कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। उनके फेफड़ों में इंफेक्शन हुआ था और उन्हें किडनी से जुड़ी भी कुछ परेशानी थी। पोप के पूरी तरह स्वस्थ होने की कामना के लिए दुनिया भर में ईसाई समुदाय की ओर से प्रार्थनाएं की जा रही हैं।

पोप की बिगड़ती सेहत के बीच इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि अगला पोप कौन होगा। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि पोप कौन होते हैं, पोप के निधन के बाद नए पोप के चुनाव के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है।

पोप रोम के बिशप और कैथोलिक चर्च के प्रमुख होते हैं। यीशु मसीह इस चर्च के अदृश्य प्रमुख हैं जबकि पोप इसके दृश्य प्रमुख होते हैं। उन्हें “सुप्रीम पोंटिफ” भी कहा जाता है और उनका पद “Papacy” कहलाता है। “Papacy” चर्च की प्रशासनिक संस्था Holy See और Vatican City का संचालन करती है। वेटिकन सिटी के दुनिया के तमाम देशों के साथ राजनयिक संबंध हैं।

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पोप फ्रांसिस वर्तमान पोप हैं। उन्होंने पोप बेनेडिक्ट सोलहवें के बाद यह पद संभाला था। वे कैथोलिक चर्च के 266वें पोप हैं और संत पीटर (30 ईस्वी) की परंपरा से जुड़े हैं।

पोप फ्रांसिस पहले दक्षिण अमेरिकी पोप होने के साथ ही, जेसुइट समुदाय से आने वाले पहले ऐसे शख्स हैं, जो पोप के पद तक पहुंचे हैं। उनका असली नाम जोर्ज मारियो बेर्गोलियो है और वे 1936 में ब्यूनस आयर्स (अर्जेंटीना) में पैदा हुए थे। 1969 में उन्हें जेसुइट पादरी के रूप में नियुक्त किया गया, 1992 में बिशप और 1998 में ब्यूनस आयर्स के आर्चबिशप बने। उन्होंने 13 मार्च, 2013 को पोप बेनेडिक्ट XVI की जगह ली। पोप बेनेडिक्ट XVI ने 2013 में स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था।

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पोप फ्रांसिस को उदार विचारधारा के रास्ते पर चलने वाला नेता माना जाता है। उन्होंने चर्च से समलैंगिक लोगों से माफी मांगने को कहा। पोप ने समलैंगिक विवाह, महिला पादरियों की नियुक्ति और गर्भपात का विरोध किया। 2024 में उन्होंने बाल यौन शोषण की घटनाओं को चर्च की विरासत पर दाग बताया था। पोप ने चर्च के कामकाज में सुधार और भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाया है।

पत्रकार फ्रांसेस्का एम्ब्रोगेटी ने पोप की जीवनी पर ‘Pope Francis: His Life in His Own Words’ लिखी है। उन्होंने रॉयटर्स से बातचीत में कहा था कि पोप का जीवन बहुत ही शांत और संयमी रहा है।

पोप की मौत के बाद वेटिकन में कई पुरानी परंपराओं और कानूनों के अनुसार नए पोप की चुनाव प्रक्रिया शुरू होती है। कैमरलेंगो (Camerlengo) पोप की मौत होने की पुष्टि करता है। कैमरलेंगो चर्च का कोषाध्यक्ष होता है। वह पोप के बपतिस्मा के नाम को तीन बार पुकारते हैं, अगर कोई जवाब नहीं आता, तो पोप को आधिकारिक रूप से मृत घोषित कर दिया जाता है। वर्तमान में कार्डिनल केविन फैरेल कैमरलेंगो के पद पर हैं।

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इसके बाद ‘फिशरमैन रिंग’ को तोड़ा जाता है। इस रिंग पर पोप के शासन की मुहर लगी होती है, इसे तोड़ दिया जाता है ताकि कोई इसका गलत इस्तेमाल न कर सके। इसके साथ ही पोप के अपार्टमेंट को सील कर दिया जाता है।

इसके बाद मीडिया और चर्च को सूचना दी जाती है। ‘नोवेंडियाले’ यानी 9 दिन का शोक रखा जाता है। पोप का शव सेंट पीटर्स बेसिलिका में रखा जाता है, जिससे लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकें। पोप की मृत्यु के 4 से 6 दिनों के भीतर अंतिम संस्कार होता है। पोप फ्रांसिस ने 2022 में इच्छा व्यक्त की थी कि उन्हें ‘सांता मारिया मैजोर बेसिलिका’ (रोम) में दफन किया जाए।

SEDE VACANTE का मतलब होता है कि पोप का पद खाली है। इस दौरान चर्च की सत्ता कॉलेज ऑफ कार्डिनल्स के पास चली जाती है। 15 से 20 दिनों के अंदर 80 वर्ष से कम उम्र के सभी कार्डिनल्स वेटिकन के सिस्टिन चैपल में इकट्ठा होते हैं। उनका बाहरी दुनिया से किसी तरह का कोई संपर्क नहीं रहता जिससे कि चुनाव निष्पक्ष हो।

कार्डिनल नए पोप का चुनाव करने के लिए कई राउंड में मतदान करते हैं। यह मतदान तब तक होता है जब तक किसी एक उम्मीदवार को दो-तिहाई बहुमत न मिल जाए। प्रत्येक राउंड में जब तक पोप का चुनाव नहीं हो जाता, कार्डिनल चैपल से काला धुआं छोड़ते हैं लेकिन नए पोप के चुनाव के बाद सफेद धुआं छोड़ा जाता है। कार्डिनल्स कॉलेज का एक प्रतिनिधि सेंट पीटर्स बेसिलिका की मुख्य बालकनी पर आकर घोषणा करता है- “Habemus Papam” जिसका मतलब है कि- हमें नया पोप मिल गया है। इसके बाद नया पोप सफेद कपड़ों में आता है और जनता को संबोधित करता है।

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