कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के न्योते पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री मोदी अल्बर्टा प्रांत के कनानास्किस में इसी महीने होने वाले जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस शिखर सम्मेलन में अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जापान, इटली, जर्मनी और कनाडा के शीर्ष नेताओं की भागीदारी होगी। करीब 10 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी कनाडा की यात्रा करेंगे। इससे पहले अप्रैल 2015 में उन्होंने कनाडा का दौरा किया था। उस समय स्टीफन हार्पर कनाडा के प्रधानमंत्री थे। 2023 में खालिस्तान समर्थक सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से ही भारत और कनाडा के संबंध खराब दौर में हैं।
जस्टिन ट्रूडो के प्रधानमंत्री कार्यकाल में कनाडा के साथ भारत के संबंध बहुत ही खराब हो गए थे। ट्रूडो ने सितंबर 2023 में कनाडा की संसद में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत पर संभावित संलिप्तता का आरोप लगाया था। भारत ने इस आरोप को राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज कर दिया था। भारत ने 2020 में हरदीप सिंह निज्जर को ‘आतंकवादी’ घोषित किया था। इस घटना ने दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों को बहुत प्रभावित किया था।
अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रोफेसर पुष्पेश पंत बताते हैं, जस्टिन ट्रूडो की नासमझी कहें या अनुभवहीनता कि उन्होंने भारत जैसे बड़े देश से संबंध बिगाड़ लिए। उन्होंने अपनी अंदरूनी राजनीति और फंडिंग के चक्कर में भारत को दूर कर दिया। प्रोफेसर पंत बताते हैं, एक बात और कि जस्टिन ट्रूडो के पिता भी प्रधानमंत्री रह चुके हैं। वह कम उम्र के प्रधानमंत्री तो बने, लेकिन अनुभवहीनता के कारण भारत के साथ संबंधों को बहुत ही विकट स्थिति में ला दिया। अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकार स्वस्ति राव कहती हैं, ट्रूडो ने घरेलू लाभ के लिए संबंधों को खराब किया।
जी-7 शिखर सम्मेलन से पहले भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को लेकर कनाडा ने अपना रुख स्पष्ट किया है। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने एक प्रेस वार्ता में एक सवाल के जवाब में कहा, जी-7 के सहयोगियों के साथ हुई चर्चा में ये सहमति बनी कि एनर्जी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अहम खनिज जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण देशों को आमंत्रित करना जरूरी है। उन्होंने बताया, द्विपक्षीय स्तर पर हमारे बीच सहमति बनी है कि हम कानून के पालन पर बातचीत करेंगे और इस दिशा में बात थोड़ी आगे बढ़ी है।
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जवाबदेही के मुद्दे पर भी सहमति बनी है। अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकार स्वस्ति राव कहती हैं, ट्रूडो घरेलू राजनीति में उलझे हुए थे, अब मार्क कार्नी आ गए हैं। वह एक बात बहुत बेहतर तरीके से जानते हैं कि भारत के बिना दुनिया में किसी बड़ी आर्थिक योजना को आकार नहीं दिया जा सकता है। वह कहती हैं, मार्क कार्नी एकदम से सब कुछ नहीं बदल देंगे। वह भी घरेलू राजनीति को देखते हुए कदम उठाएंगे, लेकिन भारत के लिहाज से भी यह बेहतर अवसर है। हम भी धीरे-धीरे संबंधों को बढ़ाते हुए बातचीत का क्रम स्थापित करेंगे।
कनाडा के प्रधानमंत्री रहते हुए जस्टिन ट्रूडो ने सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ होने का शक जताया था और भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज की थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। इसका प्रभाव नई दिल्ली में हुए जी-20 सम्मेलन में औपचारिक अभिवादन में और फिर ट्रूडो के विमान में आई खराबी के बाद विमान की पेशकश पर भी दिखाई दिया।
खालिस्तान चरमपंथ को लेकर दोनों देश के बीच हुए तनाव पर जब मार्क कार्नी से ये सवाल किया गया कि क्या उन्हें लगता है कि भारत हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल था? इस पर कनाडाई पीएम ने कहा, सबसे पहली बात तो ये कि एक कानूनी प्रक्रिया होती है, जो अभी चल रही है।