Pakistan Terror Outfits: भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत पाकिस्तान और (Pakistan-occupied Kashmir) PoK में जिन आतंकी अड्डों को तबाह किया है, उनकी पूरी लिस्ट दुनिया के सामने रखी है। भारत का कहना है कि इन जगहों पर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे कुख्यात आतंकी संगठन अपने ट्रेनिंग कैंप चला रहे थे और यहां से भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देते थे।

भारत का यह भी कहना है कि इन आतंकी संगठनों को पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई से मदद मिलती है।

यह जानना जरूरी होगा कि इन आतंकी ठिकानों का इस्तेमाल किस काम के लिए किया जाता था?

यह आतंकी कैंप 2015 से चल रहा है और जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य ट्रेनिंग सेंटर है। यह एक तरह से जैश-ए-मोहम्मद का ऑपरेशनल हेडक्वार्टर भी है। बताना होगा कि यह भारत में हुए पुलवामा हमले सहित कई भारत विरोधी अभियानों में शामिल रहा है। यहां पर जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर, मौलाना अम्मार और कई लोगों के घर हैं। मसूद अजहर ने यहां कई भारत विरोधी भाषण दिए, जिसमें युवाओं से इस्लामिक जिहाद में शामिल होने का आह्वान किया गया था।

मरकज तैयबा लश्कर का मुख्य ट्रेनिंग सेंटर है। इसे साल 2000 में नांगल सहदान, मुरीदके (शेखुपुरा, पंजाब) में शुरू किया गया था। यह पाकिस्तान के अंदर और बाहर से भर्ती होने वाले लोगों को हथियारों की ट्रेनिंग और धार्मिक शिक्षा देता है। कहा जाता है कि ओसामा बिन लादेन ने मरकज तैयबा के भीतर एक मस्जिद और गेस्टहाउस को बनाने के लिए पैसा दिया था। यहां 26/11 के मुंबई हमलावरों को ट्रेनिंग दी गई थी जिसमें अजमल कसाब भी शामिल था और डेविड हेडली और तहव्वुर राणा जैसे षड्यंत्रकारियों को भी पनाह दी गई थी।

LIVE: पीएम मोदी ने तीन देशों का दौरा टाला

यह आतंकी अड्डा पाकिस्तान के पंजाब के नरोवाल जिले के शकरगढ़ तहसील में तेहरा कलां गांव में स्थित है और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से चलता है। जम्मू-कश्मीर में सांबा सेक्टर के पास अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 6 किमी की दूरी पर है और इसका इस्तेमाल ड्रोन उड़ाने और हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए किया जाता है।

LIVE: ‘जवाब देने का सही तरीका’

इस आतंकी केंद्र का इस्तेमाल हिजबुल मुजाहिदीन द्वारा जम्मू में घुसपैठ के लिए किया जाता है। यहां कैडरों को हथियार चलाने और आतंकवादी रणनीति बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसकी कमान मोहम्मद इरफान खान (इरफान टांडा) के पास है। टांडा का जम्मू में कई हमलों से संबंध रहा है।

मरकज अहले हदीस बरनाला के बाहरी इलाके में है। यह कोटे जामेल रोड पर है और इसका इस्तेमाल पुंछ-राजौरी-रियासी सेक्टर में घुसपैठियों और हथियारों के लिए किया जाता है। यहां लश्कर के कई आतंकी सक्रिय हैं।

क्या है HAMMER बम जिसका इस्तेमाल कर भारत ने Pakistan में आतंकी अड्डों को उड़ाया?

मरकज अब्बास को मरकज सैदना हज़रत अब्बास बिन अब्दुल मुतालिब (कारी जर्रार) के नाम से भी जाना जाता है। इसका नेतृत्व हाफिज अब्दुल शकूर के हाथ में है। यह पुंछ-राजौरी सेक्टर में घुसपैठ की योजना बनाने के लिए एक सेंटर के रूप में काम करता है। कारी जर्रार NIA की सूचा में वांटेड है।

यह आतंकी कैंप हथियारों की ट्रेनिंग, स्नाइपिंग, पहाड़ी इलाकों में जीवित रहने की ट्रेनिंग देता है। यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के सबसे पुराने आतंकी सेंटर्स में से एक है।

कहां-कहां हुई एयर स्ट्राइक? भारतीय सेना ने Pakistan में इन आतंकी अड्डों को बनाया निशाना

मुजफ्फराबाद-नीलम रोड पर चेलाबंदी ब्रिज के पास शवाई नाला कैंप स्थित है। इसे लश्कर-ए-तैयबा कैंप बैत-उल-मुजाहिदीन के नाम से भी जाना जाता है। यह कैंप 2000 के दशक की शुरुआत से ही चल रहा है। यह हथियार चलाने की ट्रेनिंग देता है। 26/11 के हमलावरों ने यहीं ट्रेनिंग ली थी।

मुजफ्फराबाद में लाल किले के सामने यह आतंकी शिविर चलता है। यह PoK में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य केंद्र है और जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ से पहले आतंकवादियों के लिए एक ट्रांजिट कैंप के रूप में आतंकी इसका इस्तेमाल करते हैं।

यह भी पढ़ें- रॉ ने चुने टारगेट, आर्मी-नेवी और एयरफोर्स ने नेस्तानाबूद किए आतंकियों के अड्डे