India-Indonesia Defence Dialogue: भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। इससे पहले सुबियांतो का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित ‘एट होम’ समारोह में स्वागत किया। रविवार को जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में “फ्रीडम ऑफ नेविगेशन एंड ओवरफ्लाइट” के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति सुबियांतो ने द्विपक्षीय समुद्री वार्ता और साइबर सुरक्षा वार्ता के जल्द होने को लेकर सहमति व्यक्त की। दोनों देश जल्द ही रक्षा मंत्रियों की अगली बातचीत आयोजित करने पर भी सहमत हुए हैं।

इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की तीन दिन की यात्रा के अंत में जारी संयुक्त बयान के मुताबिक, दोनों देशों के नेताओं ने इस बात को दोहराया कि भारत और इंडोनेशिया “समुद्री पड़ोसी और रणनीतिक साझेदार” हैं। उन्होंने नेताओं के स्तर, मंत्रिस्तरीय स्तर और वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर द्विपक्षीय संवाद तंत्र को नियमित रूप से आयोजित करने के महत्व पर जोर दिया।

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दोनों नेताओं ने रक्षा सहयोग समझौते (डीसीए) का स्वागत किया और विश्वास व्यक्त किया कि यह रक्षा संबंधों को और गहरा करेगा। उन्होंने दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच लगातार बातचीत के महत्व के बारे में भी बात की ताकि डीसीए को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।

मोदी और सुबियांतो ने दोनों देशों के रक्षा बलों के बीच “रणनीतिक और परिचालन बातचीत” पर चर्चा की, जिसमें भारत-इंडोनेशिया समन्वित पेट्रोलिंग, द्विवार्षिक द्विपक्षीय सेना (गरुड़ शक्ति) और नौसेना (समुद्र शक्ति) अभ्यास शामिल हैं। राष्ट्रपति सुबियांतो ने भारत की रक्षा निर्माण क्षमताओं की सराहना की और इस क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की।

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संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की तथा इस खतरे से निपटने में सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के थिंक-टैंक के बीच “ट्रैक 1.5 संवाद तंत्र” स्थापित करने का भी स्वागत किया।

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