भारत ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाते हुए 6-7 मई की दरमियानी रात ‘आपरेशन सिंदूर’ चलाया। जिसके बाद से बॉर्डर पर दोनों तरफ से गोलीबारी जारी है। इस सबके बीच गलती से बॉर्डर पार कर पाकिस्तान चले गए BSF के जवान के परिवार की चिंताएं बढ़ गयी हैं। पश्चिम बंगाल के हुगली के रिशरा में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ का परिवार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद हाल ही में सीमा पर बढ़े तनाव के कारण चिंतित है।
पूर्णम को 23 अप्रैल को पाकिस्तान रेंजर्स ने बंदी बना लिया था जब वह गलती से पंजाब के फिरोजपुर जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गए थे। शॉ को कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 लोगों की हत्या के एक दिन बाद हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पैदा हो गया था। हालांकि, वर्तमान प्रतिकूल परिस्थितियों ने उनकी वापसी के बारे में भय और अनिश्चितता को बढ़ा दिया है।
पूर्णम की पत्नी रजनी शॉ ने कहा, “दो दिन पहले जब हमें दो पाकिस्तानी रेंजर्स की हिरासत के बारे में सूचना मिली तो हमें अपने पति की रिहाई की कुछ उम्मीद जगी लेकिन अब मैं डरी हुई हूं। ऐसा लग रहा है कि युद्ध की स्थिति है। मुझे कोई सकारात्मकता नहीं दिख रही है। यह स्थिति खत्म होने वाली नहीं है, यह जारी रहेगी।”
रजनी ने पठानकोट और फिरोजपुर जाकर बीएसएफ कमांडरों से अपने पति की सुरक्षित वापसी की अपील की थी। वह बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों से आश्वस्त होकर घर लौटीं कि वे उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। बीएसएफ ने भी परिवार से धैर्य रखने का आग्रह किया था और उन्हें भरोसा दिलाया था कि ऐसी घटनाएं असामान्य नहीं हैं।
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रजनी अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलना चाहती हैं और अपने पति की सुरक्षित वापसी के लिए मदद मांगना चाहती हैं। उसने कहा, “हर कोई कह रहा है कि इसकी संभावना बहुत कम है। मेरे पति के बारे में किसी को कोई चिंता नहीं है। मैंने उनसे (बीएसएफ) आखिरी बार सोमवार को बात की थी। उनके पास मेरा नंबर है, लेकिन पिछले 24 घंटों में मुझे कोई कॉल नहीं आया है। हम मुख्यमंत्री से मिलना चाहेंगे क्योंकि हमें नहीं पता, शायद वह कुछ मदद का आश्वासन दे सकें या सरकार से बात कर सकें। मुख्य मुद्दा यह है कि मेरे पति भारत में नहीं हैं। जब बातचीत चल रही थी तब मुझे उम्मीद थी लेकिन अब इस शत्रुतापूर्ण माहौल में मैं बेहद चिंतित हूं।”
रजनी ने आगे कहा, “पहलगाम की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थी और स्वाभाविक रूप से, हर कोई सरकार से बदला लेने की उम्मीद कर रहा था। अगर मेरे पति वहां फंसे नहीं होते, तो मैं भी यही कहती। लेकिन अब मुख्य समस्या यह है कि मेरे पति पाकिस्तान में हैं। मुझे नहीं पता कि मुझे क्या कहना चाहिए और क्या नहीं।”
रजनी ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों के दौरे के दौरान उन्हें बताया गया कि उनके पति सुरक्षित हैं और उन्हें किसी तरह की यातना नहीं दी गई है। उन्हें यह भी बताया गया कि मामले को लेकर फ्लैग मीटिंग की जा रही है। रजनी ने बताया, “मुझे बताया गया है कि अगर वह एक हफ्ते में वापस नहीं लौटे तो मुझे दिल्ली ले जाया जाएगा ताकि वहां बीएसएफ के आईजी से बात की जा सके।” उन्होंने कहा, “हमारी आखिरी उम्मीद भगवान है, हम उनकी सुरक्षित वापसी के लिए दिन-रात प्रार्थना कर रहे हैं।”
पूर्णम के पिता भोलानाथ शॉ ने अपने बेटे की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में केंद्र सरकार की जिम्मेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम उसकी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित और चिंतित हैं।” उन्होंने आगे कहा, “मैं टीवी या समाचार नहीं देख रहा हूं, मैं केवल यही चाहता हूं कि मेरा बेटा सुरक्षित वापस लौटे।” पढ़ें- ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस ‘बड़े’ मिशन में जुटे NSA डोभाल और विदेश मंत्री