Whiskey: व्हिस्की के शौकीनों के लिए एक गुड न्यूज है। भारत ने अमेरिकी बोरबॉन व्हिस्की पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 50 फीसदी कर दी है। इस व्हिस्की का आनंद अब लोग काफी कम पैसों में उठा सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत से ठीक पहले 13 फरवरी को बोरबॉन व्हिस्की पर सीमा शुल्क में कटौती की अधिसूचना जारी की गई थी।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अन्य शराब के आयात के शुल्क पर किसी भी तरह की कोई कटौती नहीं की गई है। उन पर 100 फीसदी शुल्क लगता रहेगा। उन पर पहले की तरह ही 100 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी (आयात शुल्क) लागू रहेगा। अमेरिका भारत में बोरबॉन व्हिस्की का प्राइमरी एक्सपोर्टर है, जो भारत में आयातित होने वाली ऐसी सभी शराब का लगभग एक-चौथाई हिस्सा है। राजस्व विभाग की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, बोरबॉन व्हिस्की के आयात पर अब 50 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगेगी। पहले यह करीब 150 फीसदी था।
भारत ने 2023-24 में 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की बोरबॉन व्हिस्की का इंपोर्ट किया है। खास एक्सपोर्टिंग देशों में अमेरिका (0.75 मिलियन अमेरिकी डॉलर), यूएई (0.54 मिलियन अमेरिकी डॉलर), सिंगापुर (0.28 मिलियन अमेरिकी डॉलर) और इटली (0.23 मिलियन अमेरिकी डॉलर) शामिल हैं। बता दें कि भारत और अमेरिका ने 2030 तक दोतरफा व्यापार को दोगुना कर 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का संकल्प लिया है और शुल्क कम करने और बाजार पहुंच बढ़ाने के मकसद से द्विपक्षीय व्यापार समझौते की योजना की घोषणा की है।
ट्रेन में शराब ले जाने को लेकर क्या कहता है रेलवे का कानून?
भारत एक व्हिस्की प्रेमी देश है और मौजूदा समय में मात्रा के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा स्कॉच व्हिस्की बाजार है। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 के पहले छह महीनों में भारत के व्हिस्की एक्सपोर्ट में 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। यह 78.5 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई। इसमें से ब्लेंडेड व्हिस्की, जो कुल एक्सपोर्ट का आधा हिस्सा है, में 37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। जबकि और प्रीमियम व्हिस्की का एक्सपोर्ट लगभग दोगुना होकर 6.3 मिलियन डॉलर का हो गया। 2023 में भारत का व्हिस्की बाजार 21.13 बिलियन डॉलर का था। पढ़े लिखे होते हैं व्हिस्की पीने वाले पढ़ें पूरी खबर…