देश में पहली बार नदी में मौजूद डॉल्फिन की संख्याओं का सर्वे हुआ है। जिसमें पाया गया है कि देश भर कई नदियों में कुल 6,327 डॉल्फिन मछलियां मौजूद हैं। जिसमें से सबसे ज्यादा डॉल्फिनों की संख्या गंगा में है। ये सर्वे साल 2021 और 2023 के बीच गंगा और ब्रह्मपुत्र के करीब 8406 किलोमीटर लंबे हिस्से में सर्वेक्षण हुआ। इस सर्वेक्षण में दोनों नदियों की सहायक नदियों का भी सर्वे हुआ। इसके अलावा व्यास नदी के 101 किलोमीटर लंबे हिस्से का सर्वे किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते सोमवार को गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की 7वीं बैठक के दौरान डॉल्फिनों की संख्या को लेकर ये सर्वे रिपोर्ट जारी किया। इस रिपोर्ट के लिए उन्होंने 15 अगस्त 2020 को प्रोजेक्ट डॉल्फिन का शुभारंभ किया था।
इस सर्वे को भारतीय वन्यजीव संस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, झारखंड, राजस्थान के स्टेट फॉरेस्ट डिपार्टमेंट द्वारा किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि गंगा में अनुमानित डॉल्फिनों की संख्या 5,689 है। जबकि ब्रह्मपुत्र में 635 डॉल्फिन होने का अनुमान है। इस रिपोर्ट की मानें तो नदियों में कुल डॉल्फिनों की अनुमानित संख्या 6,234 है।
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भारत में मौजूद 6,324 गंगा डॉल्फिन में से 3,275 डॉल्फिन प्रमुख नदी की धारा में पाई गईं। इसमें 2,414 डॉल्फिन गंगा की सहायक नदियों में पाई गईं जबकि 584 ब्रह्मपुत्र की मुख्य धारा में पाई गईं। अनुमान लगाने के लिए कुल 28 नदियों का नाव से सर्वेक्षण किया गया और 30 नदी खंडों का सड़क मार्ग से मानचित्रण किया गया। सर्वे किए गए राज्यों से उत्तर प्रदेश में 2,397 डॉल्फिन, बिहार में 2,220, झारखंड में 162, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 95, पश्चिम बंगाल में 815, असम में 635 और पंजाब में तीन डॉल्फिन गिनी गईं।
डॉल्फिन के लिए गंगा में कुल 7,109 किलोमीटर का मुख्य रूप से सर्वेक्षण किया गया। जिसमें गंगा की मुख्यधारा के साथ-साथ इसकी सहायक नदियों में चंबल, यमुना, राप्ती, शारदा, घाघरा, महानंदा, कोसी, गंडक, गेरुवा, रूपनारायण, तोरसा, कलजानी और चूर्णी शामिल हैं। ये सभी नदियां यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मौजूद हैं।