Indian Express Excellence in Governance Awards 2025: केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि शासन का मूल उद्देश्य सरकार और समाज के बीच विश्वास स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को यह भरोसा होना चाहिए कि “व्यवस्था उनके लिए काम करेगी, उनका समर्थन करेगी और जब भी जरूरत होगी, न्याय प्रदान करेगी।” नई दिल्ली में आयोजित इंडियन एक्सप्रेस एक्सीलेंस इन गवर्नेंस अवार्ड्स के तीसरे संस्करण में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए, वैष्णव ने जिला मजिस्ट्रेट (DM) की भूमिका को एक संस्था के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने कहा, “एक जिला मजिस्ट्रेट से लोगों को काफी उम्मीदें होती हैं, और जब लोग आपको एक संस्था के रूप में देखने लगते हैं, तो जिम्मेदारी की भावना और अधिक बढ़ जाती है।”

इस अवसर पर देशभर के जिलाधिकारियों को सामाजिक कल्याण, कृषि, शिक्षा और प्रौद्योगिकी सहित 16 श्रेणियों में उनके अनुकरणीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। निर्णायक मंडल ने 450 से अधिक प्रविष्टियों में से विजेताओं का चयन किया। ओडिशा कैडर के पूर्व अधिकारी वैष्णव ने बालासोर और कटक में जिला कलेक्टर के रूप में अपने अनुभव साझा किए। 1999 के सुपर साइक्लोन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय मौसम विभाग की भविष्यवाणी इतनी सटीक नहीं थी। उन्होंने कहा, “हमने नासा के कंप्यूटरों से डेटा डाउनलोड किया और महसूस किया कि एक बड़ी आपदा आने वाली है।” संसाधनों की कमी के बावजूद, उन्होंने जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक प्रभावी निकासी योजना बनाई और अपने जिले के हजारों लोगों की जान बचाई।

इससे पहले, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने समारोह में ईमानदारी के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “ईमानदारी का न केवल अभ्यास किया जाना चाहिए, बल्कि इसे व्यवहार में भी लाना चाहिए, खासकर तब, जब कोई देख नहीं रहा हो।” सिविल सेवाओं के लोकतंत्रीकरण पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पहले अधिकतर अधिकारी तमिलनाडु, केरल और बिहार जैसे राज्यों से आते थे, लेकिन अब पंजाब और हरियाणा से भी बड़ी संख्या में टॉपर्स आ रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि महिला सिविल सेवकों का प्रतिशत अब 28-30% तक पहुंच गया है, जो पहले मात्र 3-4% हुआ करता था।

जनता व सरकार के बीच विश्वास ही है सुशासन की बुनियाद: अमित शाह

इस मौके पर इंडियन एक्सप्रेस के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक विवेक गोयनका और मुख्य संपादक राज कमल झा ने सार्वजनिक सेवा की भूमिका और लोकतंत्र को मजबूत करने में इसकी अहमियत पर प्रकाश डाला। गोयनका ने कहा, “हम जिन अनुकरणीय सार्वजनिक सेवाओं का आज जश्न मना रहे हैं, वे सामाजिक विभाजन से परे जाकर लोकतंत्र को सुरक्षित और मजबूत करने का कार्य करती हैं।” वहीं, झा ने कहा कि संविधान के 75वें वर्ष में, इन पुरस्कार विजेता परियोजनाओं ने समुदायों को सशक्त बनाने और उनकी क्षमता को उजागर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

पुरस्कारों के निर्णायक मंडल की अध्यक्षता राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष और देश के पहले मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह ने की। उनके साथ पूर्व कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर और सेंटर फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक प्रोग्रेस के वरिष्ठ फेलो अमरजीत सिन्हा भी निर्णायक मंडल में शामिल थे। पीडब्ल्यूसी ने प्रत्येक प्रविष्टि का नवाचार, प्रभाव, कार्यान्वयन और जनभागीदारी के आधार पर गहन मूल्यांकन किया।

समारोह में केंद्रीय मंत्री एस पी सिंह बघेल, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, सीपीआई के डी राजा, भाजपा के अनिल बलूनी, जेडी(यू) के के सी त्यागी, पूर्व केंद्रीय मंत्री के जे अल्फोंस, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर, प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत सचिव वी श्रीनिवास, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के अध्यक्ष श्रीनिवास चोक्काकुला, दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) देवेश श्रीवास्तव, आईसीएफएआई समूह के ब्रांडिंग निदेशक सुधाकर राव, वाजीराम एंड रवि आईएएस के निदेशक अर्जुन रविंद्रन, पीडब्ल्यूसी इंडिया की विपणन एवं संचार निदेशक सोनाली मित्रा, राजदूत और सांसद सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।