सिंधु जल संधि को लेकर भारत बड़ी योजना पर काम करने जा रहा है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में ऐसे हाइड्रो प्रोजेक्ट्स जो शुरुआती चरण में हैं, उनमें ज्यादा पानी के स्टोरेज की योजना बनाई जाएगी लेकिन वे परियोजनाएं जो पहले से पाइपलाइन में हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा क्योंकि उनकी तकनीकी जानकारियां फाइनल की जा चुकी हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसी कुछ परियोजनाएं जो अभी शुरुआती चरण में हैं, उनमें हम ज्यादा पानी स्टोर करने और बिजली उत्पादन की योजना बना सकते हैं।
याद दिलाना होगा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला किया था। इस संधि के तहत हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स में ज्यादा पानी स्टोर नहीं किया जा सकता लेकिन अब सरकार नई परियोजनाओं में स्टोरेज की क्षमता बढ़ाने की तैयारी में है।
‘पाकिस्तान ने किया सिंधु जल संधि का उल्लंघन…’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा था कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता। याद दिलाना होगा कि सिंधु जल संधि को स्थगित किए जाने के बाद पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया था।
मौजूदा वक्त में जम्मू-कश्मीर में चार हाइड्रो प्रोजेक्ट्स हैं जिन्हें Central Electricity Authority (CEA) से मंजूरी मिल चुकी है लेकिन इन पर अभी काम शुरू नहीं हुआ है। इनमें सिंध नाला पर न्यू गांदरबल (93 मेगावाट), चिनाब पर किरथाई-II (930 मेगावाट) और सावलकोट (1,856 मेगावाट) तथा झेलम पर उरी-I चरण-II (240 मेगावाट) शामिल हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस ने हाल ही में खबर दी थी कि केंद्र सरकार चिनाब पर चार हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स– पाकल दुल (1,000 मेगावाट), रतले (850 मेगावाट), किरू (624 मेगावाट) और क्वार (540 मेगावाट) को तेजी से पूरा करना चाहती है। पाकल दुल जम्मू-कश्मीर में बनने वाला पहला स्टोरेज पर आधारित हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट है। इसके पूरा होने पर इसके पानी स्टोर करने की क्षमता लगभग 109 मिलियन क्यूबिक मीटर (mcm) होगी और इसे सितंबर 2026 तक शुरू करने का लक्ष्य है।
सिंधु जल संधि को लेकर भारत के पास क्या है आगे का रास्ता
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बिजली क्षेत्र पर पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर साइबर हमले किए लेकिन फायरवॉल लगाकर इनका मुकाबला किया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी प्रोजेक्ट के लिए साइबर सिक्योरिटी को मजबूत किया जा रहा है, चाहे वह ट्रांसमिशन हो, डिस्ट्रीब्यूशन हो या फिर पावर जेनरेशन हो।
मनोहर लाल ने कहा कि हाइड्रो प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल की जाने वाली चीजों की भी जांच की जा रही है क्योंकि कोई भी साइबर हमले की कोशिश कर सकता है।
याद दिलाना होगा कि हाल ही में पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत से संपर्क साधा था और सिंधु जल संधि पर भारत की चिंताओं को दूर करने की इच्छा जताई थी। पाकिस्तान ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को फिर से पत्र लिखा था, जिसमें उसने फिर से बातचीत की पेशकश की थी। इसके अलावा विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने दुशांबे में आयोजित Glaciers’ Preservation conference में कहा था कि पाकिस्तान ने लगातार सीमा पार आतंकवाद के जरिए सिंधु जल संधि का उल्लंघन किया है।
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