जल जीवन मिशन (JJM) को लेकर जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा है कि केंद्र ने ग्रामीण नल जल योजना के तहत टेंडर प्रीमियम का भुगतान रोक दिया है। इंडियन एक्सप्रेस के आइडिया एक्सचेंज कार्यक्रम में एक सवाल का जवाब देते हुए पाटिल ने कहा कि टेंडर प्रीमियम का भुगतान हमने रोक दिया है। उन्होंने कहा कि जो गया होगा वो अलग बात है मगर जो नया है उसने पूरी तरह हमने रोक दिया है ।
सीआर पाटिल ने कहा, “हमने टेंडर प्रीमियम का भुगतान रोक दिया है। जो था, जो चला गया वो अलग बात है लेकिन जो नया है, उसे पूरी तरह से रोक दिया गया है।” उन्होंने कहा कि एक बार टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद टेंडर प्रीमियम जैसी कोई सुविधा नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि पैसा बेवजह बर्बाद हो रहा है।” पाटिल ने कहा कि कार्यक्रम के अगले चरण के लिए घोषित किए जाने वाले नए जेजेएम दिशानिर्देशों में टेंडर प्रीमियम के भुगतान का प्रावधान नहीं होगा। सरकार ने 2028 तक जेजेएम के विस्तार की घोषणा की है।
मंत्री की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब सरकार के कुछ वर्गों ने चिंता व्यक्त की है कि कुछ राज्यों में जेजेएम वर्क कॉन्ट्रैक्ट में बढ़ोत्तरी की गई है। इस साल की शुरुआत में, Expenditure Secretary के नेतृत्व वाले पैनल ने दिसंबर 2028 तक समाप्त होने वाले चार वर्षों में मिशन को पूरा करने के लिए 2.79 लाख करोड़ रुपये की मांग करने वाले जल शक्ति मंत्रालय के प्रस्ताव में 46 प्रतिशत की कटौती की सिफारिश की थी।
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मूल जेजेएम दिशा-निर्देशों में टेंडर प्रीमियम के भुगतान पर रोक थी। दिसंबर 2019 में जारी ‘जल जीवन मिशन: हर घर जल’ के कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देशों में साफ कहा गया है कि जेजेएम के तहत स्वीकृत सभी योजनाओं को बिना लागत और समय बढ़ाए लागू किया जाएगा। नये दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि जहां कहीं भी ऐसी अप्रूवड कॉस्ट उस एस्टिमेटेड कॉस्ट से 10% से 25% अधिक हो जिस पर किसी परियोजना/योजना के लिए टेंडर आमंत्रित की गई थी, वहां कार्य सौंपने से पहले राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति के प्रमुख की मंजूरी लेनी होगी। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स