गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. रुद्रेश कुट्टीकर ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे की माफी को खारिज कर दिया है। उन्होंने राणे की माफी को स्टूडियो की माफी बताया और मांग की कि मंत्री मंत्री हॉस्पिटल के कैजुअल्टी डिपार्टमेंट में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे। यहीं पर राणे ने डॉक्टर को फटकार लगाई थी।
डॉ रुद्रेश कुट्टीकर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा , ‘मंत्री को कैजुअल्टी विभाग में आना चाहिए और सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।’ मेडिकल कॉलेज में मंत्री के आचरण के खिलाफ डॉक्टरों के विरोध के बीच राणे ने सोमवार सुबह माफी मांगी थी। सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में उन्होंने कहा, रात को एक क्षेत्रीय चैनल के साथ प्रसारण के दौरान अस्पताल में अपने दौरे के दौरान कहे गए कठोर शब्दों के लिए माफी।
कुट्टीकर ने सोमवार दोपहर जीएमसी में मीडिया से कहा कि मंत्री को पिछली मुलाकात के स्थल पर उनसे 24 घंटे के भीतर माफी मांगनी चाहिए। डॉक्टर ने कहा, ‘मैंने वीडियो देखा है, लेकिन यह स्टूडियो में माफीनामा है। सभी डॉक्टर मांग करते हैं कि माफीनामा वहीं होना चाहिए जहां घटना हुई। इसे रिकॉर्ड किया जा सकता है जैसे मेरा अपमान वायरल हुआ, वैसे ही वही बात माफीनामा भी वायरल होनी चाहिए। उस दिन मुझे पूरी तरह से अपमानित किया गया। इसलिए, मैं चाहता हूं कि सभी को माफीनामे के बारे में पता चले। 24 घंटे के भीतर उन्हें माफी मांगनी होगी।’
गोवा के मंत्री ने दिया विवादित बयान
शनिवार को हुई घटना के बारे में बताते हुए कुट्टीकर ने कहा कि कोई व्यक्ति अस्पताल के कैजुअल्टी वार्ड में आया और उसने अपने एक रिश्तेदार को विटामिन बी12 का इंजेक्शन लगाने के लिए कहा। डॉक्टर ने कहा, ‘विटामिन बी12 का इंजेक्शन कोई इमरजेंसी इंजेक्शन नहीं है। इसलिए, हमने कहा कि आपको ओपीडी या प्राइमरी हेल्थ सेंटर जाना होगा। कैजुअल्टी वार्ड में केवल गंभीर और गंभीर रोगियों को ही संभाला जाता है, इसलिए यह प्रोटोकॉल है। लेकिन आजकल छोटे-मोटे मामले भी आपातकालीन विभाग में आ जाते हैं।’
उन्होंने कहा कि यदि व्यक्तिगत तौर से माफी मांगने की मांग नहीं मानी गई तो हड़ताल की जाएगी। सोमवार की सुबह अस्पताल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जब डॉक्टरों ने न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए और मंत्री से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि वे हड़ताल या स्वास्थ्य सेवाओं को बंद करने सहित किसी भी बढ़ते कदम पर मंगलवार को फैसला करेंगे।
गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के गोवा एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स ने रविवार को सरकार को अल्टीमेटम देते हुए धमकी दी थी कि अगर 48 घंटे में उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे विरोध प्रदर्शन तेज कर देंगे। जीएआरडी ने सोमवार को जीएमसी के डीन को मांगों का एक ज्ञापन सौंपा। इसमें सीएमओ के निलंबन को तत्काल रद्द करना, निष्पक्ष जांच और स्वास्थ्य मंत्री से सार्वजनिक रूप से माफी मांगना शामिल था।
जीएआरडी के अध्यक्ष आयुष शर्मा ने कहा, ‘सभी डॉक्टरों को उनके चुने हुए काम पर तैनात किया गया है। किसी की ड्यूटी नहीं रोकी गई है और सभी मरीजों की देखभाल की जा रही है। जीएमसी में किसी भी तरह की सेवा बंद नहीं की गई है।’ वीआईपी कल्चर को खत्म करने की मांग पर शर्मा ने कहा, ‘उदाहरण के लिए 7 जून की रात और 8 जून की सुबह मेडिसिन विभाग के चार मेडिकल रेजीडेंटों पर मौखिक तौर से हमला किया गया, उन्हें धमकाया गया और उनकी इच्छा के खिलाफ उनका वीडियो बनाया गया। हर कोई किसी से मदद मांगना चाहता है या चाहता है कि उनके मरीज का पहले इलाज हो। अस्पताल के प्रोटोकॉल का कोई सम्मान नहीं है। वीआईपी कल्चर से हमारा यही मतलब है, जो केवल यहां ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में प्रचलित है।’ CM प्रमोद सावंत ने बताई राज्य का सनातनी इतिहास