Delhi Election Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है। इसी के साथ उसने 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता पर वापसी की है। बीजेपी की इसी जीत के साथ राष्ट्रीय राजधानी में 10 साल से सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी बेदखल हो गई। लेकिन आम आदमी पार्टी की इस हार के पीछे कांग्रेस का बड़ा हाथ रहा है। अरविंद केजरीवाल से लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के कई दिग्गज नेता दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले वोटों के अंतर से भी कम अंतर से हारे।

आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं में हारने वालों में अरविंद केजरीवालस(नई दिल्ली), मनीष सिसोदिया (जंगपुरा), सौरभ भारद्वाज (ग्रेटर कैलाश), सोमनाथ भारती (मालवीय नगर), दुर्गेश पाठक (राजिंदर नगर) से हार गए। यह सभी सीटें ऐसी थीं जहां कांग्रेस को बीजेपी के जीत के अंतर से ज़्यादा वोट मिले , जिससे नतीजे प्रभावित हुए। कुल मिलाकर 70 में से 13 ऐसी सीटें थीं।

भाजपा के परवेश वर्मा ने केजरीवाल को 4,009 वोटों से हराया। आप प्रमुख 2013 से तीन बार इस सीट से जीते हैं। कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित को नई दिल्ली सीट पर 4,568 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे। 2013 में केजरीवाल ने दीक्षित की मां शीला दीक्षित को हराकर सीएम के तौर पर उनका शासन खत्म किया था।

दो बार सांसद रहे परवेश वर्मा, जो 2013 में महरौली सीट जीतने के बाद कुछ समय के लिए विधायक भी रहे, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री तथा भाजपा के दिवंगत साहिब सिंह वर्मा के पुत्र भी हैं।

जंगपुरा में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भाजपा के तरविंदर सिंह मारवाह ने मात्र 675 वोटों से हराया। यहां कांग्रेस उम्मीदवार फरहाद सूरी को 7,350 वोट मिले। पटपड़गंज से तीन बार विधायक रह चुके सिसोदिया को आप ने जंगपुरा से इसलिए मैदान में उतारा, क्योंकि पटपड़गंज को आप के लिए मुश्किल सीट माना जा रहा था।

ग्रेटर कैलाश में आप के भारद्वाज दो बार पार्षद रहीं भाजपा की शिखा रॉय से 3,139 वोटों से हार गए। यहां कांग्रेस के उम्मीदवार गर्वित सिंघवी को 6,711 वोट मिले। तीन बार विधायक रह चुके भारद्वाज केजरीवाल के अधीन गृह, स्वास्थ्य, बिजली और शहरी विकास मंत्रालयों के साथ कैबिनेट मंत्री भी थे और उनके जीतने की पूरी उम्मीद थी।

मालवीय नगर में AAP के एक अन्य लोकप्रिय उम्मीदवार सोमनाथ भारती को भाजपा के पूर्व पार्षद सतीश उपाध्याय से 1,971 वोटों से हार गए। कांग्रेस उम्मीदवार जितेंद्र कुमार कोचर को 6,502 वोट मिले। सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में वकालत करने वाले भारती 2013 से मालवीय नगर से विधायक थे।

डिप्टी स्पीकर राखी बिड़ला एक और प्रमुख आप नेता थीं, जो कांग्रेस द्वारा जीत के अंतर से ज़्यादा वोट हासिल करने के बाद हार गईं। मंगोलपुरी से तीन बार विधायक रहीं बिड़ला को इस बार एससी-आरक्षित मादीपुर से मैदान में उतारा गया था। वह भाजपा के कैलाश गंगवाल से 11,010 वोटों से हार गईं, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार हनुमान सहाय को 17,958 वोट मिले।

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राजिंदर नगर में दुर्गेश पाठक भाजपा के उमंग बजाज से 1,231 वोटों से हार गए। कांग्रेस उम्मीदवार विनीत यादव को यहां 4,015 वोट मिले। आप की राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य पाठक ने पहली बार 2022 के उपचुनाव में यह सीट जीती थी, जब पार्टी विधायक राघव चड्ढा को राज्यसभा के लिए नामित किया गया था ।

संगम विहार से आप विधायक दिनेश मोहनिया भाजपा के चंदन कुमार चौधरी से मात्र 316 वोटों से हारे, जो सबसे कम अंतर में से एक है। कांग्रेस के हर्ष चौधरी को 6,101 वोट मिले। तीन बार विधायक रह चुके मोहनिया को 2016 में यौन उत्पीड़न के एक मामले में जेल जाना पड़ा था, लेकिन बाद में उन्हें बरी कर दिया गया। अन्य सीटें जहां AAP उम्मीदवार इसी तरह हार गए, वे थीं बादली, छतरपुर, महरौली, नांगलोई जाट, तिमारपुर और त्रिलोकपुरी।

इन नतीजों से इंडिया ब्लॉक में बेचैनी और बढ़ गई है क्योंकि इसके कई सदस्यों ने आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन का समर्थन किया था, साथ ही तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भी आप उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया था। कांग्रेस ने भले ही कागजों पर कम से कम 13 सीटों पर आप की संभावनाओं को खराब किया हो, लेकिन वह एक भी सीट नहीं जीत सकी और 2020 के मुकाबले उसके कुल वोट शेयर में मामूली वृद्धि ही देखी गई।

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