Tej Pratap Vadav Expulsion: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार में हाल ही के दिनों में दो बड़ी घटनाएं हुईं। पहली घटना में लालू प्रसाद ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से बाहर का रास्ता दिखा दिया जबकि दूसरी घटना में उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव के घर दूसरे बच्चे ने जन्म लिया।

हाल ही में तेज प्रताप यादव की कुछ तस्वीरें वायरल हुई और इसके बाद बिहार के राजनीतिक फलक में वह चर्चा का विषय बन गए। आइए, तेज प्रताप यादव के बारे में कुछ दिलचस्प बातें जानते हैं।

तेज प्रताप यादव अप्रैल, 1988 में पैदा हुए थे और 6 बहनों के बाद वह लालू परिवार के पहले लड़के थे। लालू प्रसाद यादव याद करते हुए खुश होते हैं कि जिस दिन तेज प्रताप पैदा हुए थे, उस दिन कितनी तेज हवाएं चल रही थी और इसी वजह से उनका नाम तेज (मतलब रफ्तार) पड़ा।

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लालू प्रसाद यादव 1997 तक और इसके बाद से 2005 तक उनकी पत्नी राबड़ी देवी राज्य की मुख्यमंत्री रहीं। मतलब कि तेज प्रताप यादव ने अपने शुरुआती साल विशाल मुख्यमंत्री आवास- 1, अणे मार्ग पर बिताए। तेज प्रताप की बहनें मीसा भारती और रोहिणी आचार्य उनके साथ ज्यादा नहीं रहीं और तेजस्वी पढ़ने के लिए दिल्ली चले गए थे। तेज प्रताप की पढ़ाई पटना के स्कूल में हुई। तेज प्रताप सत्ता के साये में ही पले-बढ़े।

1990 के दशक में मुख्यमंत्री आवास में आने वाले लोग इस बात को याद करते हैं कि तेज प्रताप यादव जब किशोर थे तो वह कितने शरारती थे। लालू के एक करीबी नेता बताते हैं, “उस समय लालू राज्य के सबसे ताकतवर व्यक्ति थे। तेज प्रताप लालू के आसपास घूमते रहते थे और एक बार उन्होंने घर पर आए कुछ सीनियर मंत्रियों के साथ गलत व्यवहार किया। इससे लाल लालू को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।”

एक वरिष्ठ पत्रकार बताते हैं कि तेज प्रताप ने एक बार मीडिया पर पत्थर फेंके और मुख्यमंत्री की कवरेज करने के लिए आए लोगों से कैमरे छीन लिए लेकिन लालू ने इसे हंसकर टाल दिया। एक बार जब तेज प्रताप ने एक पत्रकार पर बैट से हमला किया तो इससे लालू बेहद नाराज हो गए।

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जब तेज प्रताप जवान हुए तो उनके भीतर स्पोर्ट्स बाइक चलाने और हवा में उड़ने का शौक जाग गया। हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान तेज प्रताप ने पायलट की वर्दी और एक विमान की कॉकपिट में बैठे हुए अपनी तस्वीर शेयर की और सरकार से कहा कि वह देश की ‘सेवा’ के लिए तैयार हैं।

सत्ता से आरजेडी की विदाई के बाद हालात बदले और लालू प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री का बंगला खाली करना पड़ा लेकिन बताया जाता है कि तेज प्रताप ने बंगला खाली करने के काम को 4 महीने तक लटका दिया। तेज प्रताप अकसर पूछते थे कि अब वह क्रिकेट कहां खेलेंगे और अपनी बाइक से कहां घूमेंगे? उस दौरान तेजस्वी यादव आईपीएल में खेल रहे थे और दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम ने उन्हें चुन लिया था हालांकि उन्हें मैदान में उतरने का मौका नहीं मिला।

लालू परिवार के एक सदस्य बताते हैं कि आरजेडी मुखिया को तेज प्रताप यादव को संभालना मुश्किल लगता था। राबड़ी देवी तेज के लिए नरम थीं।

2010 में लालू प्रसाद यादव ने संकेत दिया कि तेजस्वी उनकी राजनीतिक विरासत संभालेंगे। तब तेजस्वी सिर्फ 21 साल के थे। तेजस्वी राजनीति में आगे आए, इसके उलट तेज प्रताप यादव धार्मिक मामलों की ओर मुड़ गए। उन्होंने खुद को भगवान शिव और कृष्ण का शिष्य घोषित किया और कभी-कभी देवताओं की वेशभूषा पहनी और बीच-बीच में वृंदावन जाने लगे।

इसके बाद लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप को औरंगाबाद में एक वाहन का शोरूम दिया और कहा कि वे इसे चलाएं। तेज ने शोरूम का नाम ‘लारा’ रखा। यह उनके माता-पिता के नाम के शुरुआती शब्दों से बना था।

2013 में तेजस्वी यादव ने पूरे बिहार की यात्रा शुरू की और तब इससे पहली बार तेज प्रताप को परेशानी होने लगी। 2015 के विधानसभा चुनाव में जब आरजेडी और जेडीयू साथ थे तो नीतीश सीएम बने और तेजस्वी डिप्टी सीएम। तब तेज प्रताप यादव महुआ से जीते थे और उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय दिया गया था। इसके बाद तेज प्रताप ने धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ बनाया और कहा कि इसके जरिए हुए वह आरएसएस से मुकाबला करेंगे लेकिन उनका यह कदम सफल नहीं हुआ।

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जब 2017 में नीतीश कुमार बीजेपी के साथ चले गए तो सरकार से आरजेडी बाहर हो गई। इस दौरान ऐश्वर्या राय से तेज प्रताप की शादी हुई लेकिन उनकी शादी में भी काफी दिक्कतें आईं और यह मीडिया में चर्चा का विषय बनी।

2020 के विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव आरजेडी के बड़े चेहरे बन गए लेकिन पार्टी में तेज प्रताप की जगह कम होती गई और अक्सर उनकी अनदेखी की जाने लगी। एक बार जब फिर नीतीश और आरजेडी मिले तो इस बार तेज प्रताप को कम अहमियत वाला प्रोफाइल पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय दिया गया।

इस साल होली में तेज प्रताप यादव ने उनकी सुरक्षा में शामिल कांस्टेबल को होली के मौके पर नाचने के लिए मजबूर किया था। इस तरह के कामों से वह चर्चा में बने रहे। ताजा हालत में यह साफ दिखाई देता है कि अनुष्का यादव के साथ अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करने के बाद तेज प्रताप यादव की मुश्किलों में इजाफा ही हुआ है।

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