प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 2025 दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन बना। 45 दिनों तक चले इस विराट मेले में देश-विदेश से 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। यह संख्या अमेरिका, रूस और यूरोप के कई देशों की कुल आबादी से भी अधिक थी। इस महायज्ञ में राजनीति, खेल, बॉलीवुड और आध्यात्मिक जगत की बड़ी हस्तियों ने हिस्सा लिया, जिससे इसकी भव्यता और भी बढ़ गई। संगम तट पर करोड़ों लोगों की मौजूदगी, संत-महात्माओं के प्रवचन, साधु-संतों के अखाड़े और भक्तों की श्रद्धा—सभी ने इस महाकुंभ को ऐतिहासिक बना दिया।
26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व के साथ प्रयागराज महाकुंभ 2025 का समापन हुआ। कुल 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने इस महासंगम में भाग लिया, जो मक्का और वेटिकन सिटी जाने वाले श्रद्धालुओं से भी कहीं अधिक है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई गणमान्य हस्तियों ने इस पवित्र आयोजन में स्नान किया। विदेशी मेहमानों और बॉलीवुड सितारों की मौजूदगी ने इसे वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया।
महाकुंभ का यह भव्य आयोजन केवल आस्था और भक्ति का प्रतीक ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिक शक्ति का महोत्सव भी था। प्रयागराज एक बार फिर दिव्यता और पवित्रता का केंद्र बना, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम ने अनगिनत श्रद्धालुओं को मोक्ष और शांति का अनुभव कराया। इस ऐतिहासिक आयोजन की गूंज न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में सुनाई दी, जो आने वाले समय में भी लोगों की स्मृतियों में जीवंत बनी रहेगी।