Maharashtra Politics: पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के पिंपरी-चिंचवाड़ में एक आधिकारिक कार्यक्रम में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पिंपरी-चिंचवाड़ के विकास के बारे में बोलते समय उनका नाम न लेने पर भाजपा विधायक महेश लांडगे को कड़ी फटकार लगा दी थी। विधायक ने सीएम देवेंद्र फडणवीस की तो जमकर तारीफ की थी, लेकिन डिप्टी सीएम को लेकर कुछ कहा ही नहीं था, जो कि डिप्टी सीएम अजित पवार को रास नहीं आया।

दरअसल, पिंपरी-चिंचवाड़ के चिखली इलाके में पुलिस कमिश्नरेट की नई बिल्डिंग के भूमि पूजन के लिए आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। इस अवसर पर कई नागरिक विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया गया है। अजित पवार से पहले सभा को संबोधित करने वाले लांडगे ने फडणवीस की जमकर प्रशंसा की और उन्हें 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री के रूप में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान कई बड़ी विकास परियोजनाओं को मंजूरी देने और उनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का श्रेय दिया।

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बीजेपी विधायक लांडगे ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान और बाद में भी देवेंद्र फडणवीस ने पिंपरी-चिंचवाड़ के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विधायक ने कहा कि फडणवीस के नेतृत्व में पिंपरी-चिंचवाड़ ने अपना नाम बनाया। पिंपरी-चिंचवाड़ पुणे शहर की छाया में था, लेकिन फडणवीस ने इसे एक नई पहचान दी। उन्होंने पुणे जिले के दो हिस्सों में विभाजित होने की स्थिति में नए जिले का नाम शिवनेरी रखने का सुझाव दिया।

हालांकि अपने भाषण के दौरान विधायक लांडगे ने पवार का नाम नहीं लिया, जिन्हें पिछले 20-25 सालों में पिंपरी-चिंचवाड़ में हुए तेज़ विकास का “वास्तुकार” माना जाता है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने दो दशकों से ज़्यादा समय तक पिंपरी-चिंचवाड़ पर शासन किया है, पहले कांग्रेस के साथ मिलकर और बाद में अपने दम पर यहां राज चलाया।

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ऐसे में जब डिप्टी सीएम अजित पवार बोलने के लिए खड़े हुए तो अजित पवार ने लांडगे को खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि महेश लांडगे को मेरा नाम लेते समय क्यों बुरा लगा, जब उन्होंने पिंपरी-चिंचवड़ के विकास का जिक्र किया। पूरा पिंपरी-चिंचवड़ जानता है। मैं 1992 में आपका सांसद बना और 1992 से 2017 तक पिंपरी-चिंचवड़ में काफी सुधार हुआ।

अजित पवार ने कहा कि करीब 25 साल से मैं पिंपरी-चिंचवड़ के विकास पर नजर रख रहा हूं। आप यहां के अधिकारियों से पूछ सकते हैं कि मैं उनसे कितनी बार विकास कार्यों के बारे में पूछता हूं और कितनी बैठकें करता हूं। अजित पवार ने अलग जिले का मुद्दा उठाने के लिए लांडगे की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अलग जिले की कोई जरूरत नहीं है। जो कुछ भी चल रहा है, वह ठीक है।

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अजित पवार ने लांडगे को याद दिलाते हुए कहा कि वे दोनों राज्य में महायुति सरकार का हिस्सा थे। अगर हममें से कोई अच्छा काम करता है, तो हमें उसकी प्रशंसा करनी चाहिए। इतने कंजूस मत बनो… मैं बड़ा दिलवाला हूं, मैं हमेशा काम करने वालों को श्रेय देता हूं। एनसीपी प्रमुख ने बीजेपी विधायक पर हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन फडणवीस ने हस्तक्षेप नहीं किया। लांडगे ने भी अपनी ओर से बहस से परहेज किया। उन्होंने इस घटना के बारे में मीडिया से बात करने से भी इनकार कर दिया।

हालांकि, विधायक के भाई कार्तिक लांडगे ने कहा कि महेश ने अपने भाषण की शुरुआत में अजित पवार का नाम लिया था, हो सकता है कि कार्यक्रम में शोर के कारण पवार ने यह नाम न सुना हो। महेश दादा का उपमुख्यमंत्री के साथ कोई विरोध नहीं है। इस बीच, पिंपरी-चिंचवाड़ में एनसीपी इकाई ने विधायक की टिप्पणी पर आश्चर्य व्यक्त किया।

एनसीपी पार्टी के पिंपरी-चिंचवाड़ विंग के अध्यक्ष योगेश बहल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने महेश लांडगे को सही तरीके से डांटा है। उनके नाराज होने का कारण भी है। एक सार्वजनिक कार्यक्रम में, वह भी स्थानीय भीड़ के सामने, उन्हें पिंपरी-चिंचवाड़ के विकास का श्रेय नहीं दिया गया। ऐसा कैसे हो सकता है? अजीत पवार पिंपरी-चिंचवाड़ के असली वास्तुकार हैं और पुणे और महाराष्ट्र के सभी लोग इसे जानते हैं। यह निर्विवाद है। अजित पवार से जुड़ी अन्य सभी खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।