महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने गुरुवार को मुंबई के एक फाइव स्टार होटल में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बंद कमरे में बैठक की। इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगीं कि वह चचेरे भाई उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन के बजाय भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के साथ फिर से गठबंधन करने पर विचार कर रहे हैं।

दोनों नेताओं के बीच यह बैठक बांद्रा के ताज लैंड्स एंड में हुई और एक घंटे से ज़्यादा चली। यह बैठक न तो पहले से घोषित थी और न ही किसी नेता के आधिकारिक कार्यक्रम का हिस्सा थी।

यह घटनाक्रम शिवसेना (यूबीटी) द्वारा चचेरे ठाकरे भाइयों को ‘मराठी मानुस’ बैनर के तहत फिर से एकजुट करने के लिए लगभग दो महीने की भावनात्मक अपील और संकेतों के बाद हुआ है। उद्धव, बेटे आदित्य और संजय राउत जैसे वरिष्ठ शिवसेना (यूबीटी) नेताओं ने बार-बार सुलह का आग्रह किया है, उनका दावा है कि मराठी पहचान और क्षेत्रीय गौरव के बड़े मुद्दे के लिए सुलह की आवश्यकता है। हालाँकि, मनसे ने इस पर चुप्पी साध रखी है।

इससे पहले राज ठाकरे ने 19 अप्रैल को एक पॉडकास्ट में संकेत दिया था कि वह व्यक्तिगत असहमतियों के ऊपर महाराष्ट्र को प्राथमिकता देते हैं लेकिन उनकी पार्टी ने तुरंत स्पष्ट कर दिया कि मुद्दों पर एकता का मतलब चुनावी गठबंधन नहीं है। मनसे के शीर्ष नेतृत्व ने जोर देकर कहा है कि कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है। 5 जून को राज के बेटे ने साफ तौर पर कहा था कि गठबंधन मीडिया की खबरों से नहीं बनते। फडणवीस के साथ गुरुवार की मुलाकात इस धारणा को और मजबूत करती है।

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राज (14 जून) और आदित्य (13 जून) दोनों के जन्मदिन से कुछ ही दिन पहले फडणवीस के साथ हुई यह अनिर्धारित मुलाकात बताती है कि राज शायद कोई अलग खेल खेल रहे हैं। राज्य के राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, यह मुलाकात महज शिष्टाचार भेंट नहीं हो सकती क्योंकि यह ऐसे समय हो रही है जब स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) प्रमुख लक्ष्य है। ऐसे में मनसे-भाजपा गठबंधन को शिवसेना-मनसे गठबंधन की तुलना में अधिक समर्थन मिल सकता है।

बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता और पूर्व बीएमसी मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा कि इस मामले पर टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा, “हमें इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए। दोनों भाइयों ने अपने मतभेदों को मामूली बताया है और मनसे और सेना यूबीटी कार्यकर्ताओं के बीच भी एक जैसी भावना है। देखते हैं कि आगे क्या होता है, अभी जल्दबाजी में कोई फैसला लेना सही नहीं होगा।”

इससे पहले उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना ने भी राज को अपने साथ आने का प्रस्ताव दिया था। शिवसेना नेता और मंत्री संजय शिरसाट ने कहा, “पहले भी विधानसभा के दौरान हमने गठबंधन करने का प्रस्ताव दिया था। अब भी हम गठबंधन के लिए तैयार हैं। हम अब भी राज साहब को अपने साथ आने का प्रस्ताव देते हैं।” पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स