केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार को इलेक्ट्रिक बसों के रोलआउट को मंजूरी दी थी। इसके तहत बेंगलुरु, दिल्ली और अन्य शहरों के लिए 10,000 इलेक्ट्रिक बसें अप्रूव हुई है। हालांकि पुणे को निराशा हाथ लगी है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय की हालिया घोषणा में पुणे को पीएम ई-ड्राइव के तहत कोई भी ई-बस आवंटित नहीं की गई है। बेंगलुरु को 4,500 बसें, दिल्ली को 2,800 बसें, हैदराबाद को 2,000 बसें, अहमदाबाद को 1,000 बसें और सूरत को 600 बसें आवंटित की गईं।
पुणे कम से कम चार साल से बसों की कमी से जूझ रहा है। अप्रैल में द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा पुणे महानगर परिवहन महामंडल लिमिटेड (PMPML) के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि शहर में बसों की संख्या कम से कम 2022 से 2,000 के आंकड़े के आसपास बनी हुई है। अप्रैल 2022 में पीएमपीएमएल के बेड़े की संख्या 1,959, फरवरी 2023 में 2,083, फरवरी 2024 में 2,009 और फरवरी 2025 में 1,916 थी। जनवरी में परिवहन और विकास नीति संस्थान (ITDP) द्वारा किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई कि पुणे में ज़रूरत से आधी बसें ही उपलब्ध हैं।
संस्थान के अनुसार पुणे को 4,500 बसों की ज़रूरत है, जबकि पिछले कुछ सालों में 2,000 बसें ही उपलब्ध थीं। पुणे मेट्रो और एससिस्टम द्वारा विकसित पुणे महानगर क्षेत्र की और भी निराशाजनक तस्वीर पेश करती है। योजना में कहा गया है कि आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के प्रति लाख आबादी पर 60 बसों के दिशा-निर्देशों के आधार पर, पीएमपीएमएल को 2024 तक 6,228 बसों की ज़रूरत होगी। इसका मतलब है कि शहर में 4,000 बसें कम हैं।
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पुणे को बसें आवंटित न किए जाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए पुणे के सांसद और केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने सोमवार को कहा, “राज्य सरकार का प्रस्ताव मंत्रालय के पास जाने के बाद ही बसों को मंज़ूरी दी जा सकती है। एक व्यवस्था है, राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजना होता है। हमने सीएम देवेंद्र फडणवीस से इस बारे में चर्चा की है।”
अक्टूबर 2024 में मुरलीधर मोहोल ने घोषणा की थी कि पुणे के लिए 1,000 बसें लाने का प्रस्ताव कुमारस्वामी को सौंपा गया है। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा, “पुणे शहर में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो रहा है, हम पीएमपीएमएल को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और मोदी सरकार के माध्यम से पीएमपीएमएल के लिए 1,000 नई ई-बसें लाने के लिए केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी जी को एक प्रस्ताव सौंपा है। साथ ही इस प्रस्ताव के संबंध में पुणे शहर में बसों की वर्तमान संख्या, इसकी आवश्यकता और भविष्य की आवश्यकता पर चर्चा की गई। इस पर मंत्री ने अधिकारियों को कार्रवाई करने और उनके प्रस्ताव पर कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है।”
पीएमपीएमएल के संयुक्त प्रबंध निदेशक नितिन नार्वेकर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “1000 ई-बसों का हमारा प्रस्ताव पहले ही अधिकारियों के पास जा चुका है। हालांकि, मुझे इस हालिया आवंटन (अन्य शहरों को) के बारे में पता नहीं था और हमें अपनी बसों की डिलीवरी के बारे में कोई सूचना या कोई समयसीमा नहीं मिली है।”