देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में रह रहे एक पाकिस्तानी नागरिक ने आत्महत्या कर ली है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीते सोमवार को शख्स ने पहले कथित तौर पर अपनी पत्नी की हत्या की और फिर खुद भी उसने आत्महत्या कर ली। हालांकि अभी इस पूरे मामले की परत खुलनी बाकी है, लेकिन पारिवारिक रिश्तेदारों ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि ये दम्पति आर्थिक समस्या से जूझ रही है और वो पाकिस्तान जाने की तैयारी भी कर रहे थे।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी नागरिक नोतन दास उर्फ संजय सचदेव और उसकी पत्नी सपना नोतनदास बीते कुछ महीने पहले अपने 10 और 6 साल के दो बच्चों के साथ लंबे समय के वीजा पर भारत आये थे।
पुलिस की मानें तो पाकिस्तानी दम्पति भारत आने के बाद से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा था और दोनों के बीच हाल ही में वित्तीय संकट से जुड़े घरेलू विवादों के कारण झगड़ा भी शुरू हो गया था। सपना की बहन भारतीय नागरिक है वो उन दोनों की मदद कर रही थी।
मुंबई की खारघर पुलिस के अनुसार, सोमवार को जब पाकिस्तानी दंपति का छोटा बेटा स्कूल से लौटा तो उसने खारघर सेक्टर-34 की इमारत में अपने फ्लैट का दरवाजा अंदर से बंद पाया जबकि उसका बड़ा भाई उस समय स्कूल में था।
छोटे बेटे ने अपने पड़ोसियों को बुलाया, जिन्होंने भारत में रहने वाली सपना की बहन को इसकी जानकारी दी। कुछ देर बाद जब बहन फ्लैट पर पहुंची और पुलिस की मदद से दरवाजा खुलवाया तो देखा कि दोनों पति-पत्नी खून से लथपथ पड़े हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि संजय की सांस चल रही थीं। उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
‘सोनम ने अपनी कुंडली का ‘मंगल दोष’ मिटाने के लिए पति की हत्या कराई’
खारघर थाने के एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि सचदेव ने सपना की गर्दन, पीठ और कंधे पर चाकू से हमला किया होगा और बाद में उसी हथियार से उसने अपनी गर्दन पर भी वार किया होगा। वहीं सपना की बहन ने पुलिस को बताया कि उसकी बहन और बहनोई आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। इसलिए घटना के पीछे यही कारण हो सकता है।
बीते 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से आये नागरिकों को जारी किये गये दीर्घावधि वीजा (एलटीवी) को छोड़कर सभी पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा निलंबित कर दिया था। इसी वजह से ये परिवार अभी भी भारत में रुक हुआ था।