केरल तट के पास खतरनाक सामग्री से भरे कंटेनर लेकर जा रहा लाइबेरियाई मालवाहक जहाज पलटने के बाद रविवार सुबह समुद्र में डूब गया। इसके बाद इससे पैदा हुए हालात का जायजा लेने के लिए एक हाईलेवल मीटिंग हुई। इसमें कहा गया कि करीब 100 100 कंटेनरों के समुद्र में गिरने की संभावना है। कोस्ट गार्ड ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा था लाइबेरियाई झंडे वाला जहाज 13 कंटेनरों में खतरनाक माल और 12 कंटेनरों में कैल्शियम कार्बाइड ले जा रहा था। इसने यह भी कहा कि जहाज के टैंकों में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल था। शनिवार को कोच्चि के तट से 38 समुद्री मील दूर जहाज झुकने लगा था और रविवार को पूरी तरह से पलट गया। सभी चालक दल के सदस्यों को बचा लिया गया है।

रविवार को चीफ सेक्रेटरी डॉ.ए. जयतिलक की अध्यक्षता में हुई मीटिंग के बाद केरल के सीएमओ की तरफ से जारी एक ऑफिशियल स्टेटमेंट में कहा गया कि कंटेनरों के अलप्पुझा, कोल्लम, एर्नाकुलम और तिरुवनंतपुरम के तटीय क्षेत्रों में पहुंचने के सबसे ज्यादा आसार हैं। इसमें यह भी कहा गया कि ऑयल का रिसाव केरल तट पर कहीं भी पहुंच सकता है, इसलिए तटीय क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है। कंटेनर 3 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से समुद्र में बह रहे हैं। इसके अलावा, गिरे हुए कंटेनरों में तेल और जहाज में इस्तेमाल होने वाला मेरीन फ्यूल भी लीक हो गया है। फिलहाल कोस्ट गार्ड ने तेल रिसाव को रोकने के लिए दो जहाज और एक डोर्नियर विमान तैनात किया है।

कोच्चि में डिफेंस के स्पोकपर्सन ने कहा कि तेल रिसाव को कम करने की कोशिशें जारी हैं। प्रवक्ता ने कहा, ‘कोस्टगार्ड डोर्नियर विमान भी लॉन्च किया गया था। स्थिति का विमानों से भी आकलन किया जा रहा है।’ समुद्र में ढीले पड़े कंटेनरों के संबंध में प्रवक्ता ने कहा कि वे किस दिशा में बहेंगे, इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता। यह कंटेनरों के वजन, उनमें हवा की मात्रा पर निर्भर करता है।’

 लाइबेरियाई जहाज के पलटने से हुआ तेल का रिसाव

इस मीटिंग में कहा गया है कि जहाज अलपुझा तट पर थोट्टापल्ली से करीब 14.6 समुद्री मील दूर पूरी तरह डूब गया है। डूबे हुए जहाज से 20 समुद्री मील के क्षेत्र में मछली पकड़ने पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है। डायरेक्टर जनरल ऑफ कोस्ट गार्ड तेल रिसाव को रोकने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं। तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे ऐसी चीजों या कंटेनरों को न छुएं या उनके पास ना जाएं जो तट तक पहुंच सकते हैं। उन्हें कंटेनरों से कम से कम 200 मीटर दूर रहने के लिए बोला गया है।

इस मीटिंग में और भी कई तरह के फैसले लिए गए हैं। इसमें पहला तो यह है कि अगर कंटेनर बहकर किनारे पर आ जाते हैं तो फैक्ट्री और बॉयलर डिपार्टमेंट को दक्षिणी और मध्य केरल के जिलों में दो-दो आरआरटी को तैयार रखने के लिए कहा गया है। कोस्ट गार्ड, पोर्ट डिपार्टमेंट और नेवी को तेल रिसाव को रोकने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कंटेनमेंट बूम और बाकी संसाधनों को जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। इस मीटिंग में नेवी, कोस्ट गार्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने कलेक्टरों के साथ में हिस्सा लिया।