भारतीय सैन्य बलों ने इस महीने की शुरुआत में पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इसके तहत भारत ने पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए थे। अब इस ऑपरेशन से जुड़ी तमाम जानकारियां सामने आ रही हैं। जानकारी के मुताबिक, पहली बार ऑपरेशन सिंदूर की ऑपरेशनल प्लानिंग के हिस्से के रूप में ‘रेड टीमिंग (Red Teaming) के कॉनसेप्ट को अपनाया गया।

इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के अनुसार, यह पहली बार है जब भारतीय सेना ने किसी वास्तविक ऑपरेशन में इस कॉनसेप्ट की टेस्टिंग की है। रेड टीमिंग में ऑपरेशनल प्लानिंग में विरोधी की मानसिकता, रणनीति और प्रतिक्रिया पैटर्न से परिचित विशेषज्ञों के एक छोटे समूह को शामिल करना है। उनकी भूमिका योजना को गंभीरता से समझना, दुश्मन की प्रतिक्रियाओं का अनुकरण करना और इच्छित सैन्य रणनीति की मजबूती का परीक्षण करने में मदद करना है।

सूत्रों के मुताबिक, इस प्लानिंग ऑपरेशन में शामिल रेड टीम में देश भर के विभिन्न कमांडों और पोस्टिंगों से लिए गए पांच वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। हालांकि, रेड टीमिंग लंबे समय से विदेशों में सैन्य अभियानों का एक हिस्सा रहा है विशेष रूप से कोल्ड वॉर के दौरान लेकिन इसे हाल ही में पहली बार भारतीय सेना में टेस्टिंग के लिए इस्तेमाल किया गया है।

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‘रेड टीम’ शब्द वॉर-गेम एक्सरसाइज से निकला है जहां एक ग्रुप, जिसे रेड टीम के रूप में नॉमिनेट किया जाता है, दुश्मन की रणनीति को फॉलो करता है और एक बचाव बल के खिलाफ काल्पनिक हमले शुरू करता है, जिसे ब्लू टीम के रूप में जाना जाता है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना में इस अवधारणा को महाभारत में पांडवों के सलाहकार के नाम पर ‘विदुर वक्ता’ नाम दिया गया था और विभिन्न सेना कमांडों में टेस्टिंग से पहले इस पर कुछ समय तक चर्चा होती रही। इसके लिए कई स्तरों पर परीक्षण किए गए।

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सूत्रों ने बताया कि अक्टूबर 2024 में सेना कमांडरों के सम्मेलन के बाद इस अवधारणा को पेश किया गया था, जिसके बाद 15 अधिकारियों के एक समूह ने रेड टीमिंग में विशेष प्रशिक्षण लिया। उन्होंने कहा कि अब अगले दो सालों में ‘विदुर वक्ता’ कार्यक्रम का विस्तार करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य इन-हाउस स्पेशिलाइजेशन शुरू करना और अंततः विदेशी ट्रेनर्स पर निर्भरता कम करना है।

सेना के पास पहले से ही अपने प्रशिक्षण कमांड (ARTRAC) के अंतर्गत एक REDFOR (लाल बल) इकाई है जिसका मुख्यालय शिमला में है जो युद्ध अभ्यास योजनाओं और सिमुलेशनों की जांच करने के लिए जिम्मेदार है, जो आमतौर पर कागज पर या रेत मॉडल का उपयोग करके किए जाते हैं। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि रेडफोर (REDFOR) जहां विरोधी रणनीति का अनुकरण करता है और प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक उपकरण है, वहीं रेड टीम अपनी योजनाओं और विरोधी पर उनके प्रभाव, हर कदम पर विरोधी की अनुमानित प्रतिक्रिया का अध्ययन करती है। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स