Indian Airforce: पहलगाम हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच में तनाव चरम पर पहुंच चुका है, पीएम मोदी ने भी तीनों सेनाओं की लगातार बैठकें कर बड़े संदेश दे दिए हैं। इस बीच जनसत्ता ने अपनी एक स्पेशल सीरीज के जरिए युद्ध में सक्रिय रहने वाली सभी सेनाओं और एजेंसियों के बारे में सटीक जानकारी देने की कोशिश की है। इसी कड़ी में आज बात भारतीय वायुसेना की करनी है, जानने की कोशिश करते हैं कि अगर युद्ध छिड़ता है तो एयरफोर्स कितनी ताकतवर रहने वाली है।

भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी, पहले इसे रॉयल इंडियन एयर फोर्स के नाम से जाना जाता था। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अपने योगदान के लिए एयरफोर्स को रॉयल नाम दिया गया था। लेकिन आजादी मिलने के बाद रॉयल शब्द को हटा दिया गया और नाम रखा गया इंडियन एयरफोर्स। वर्तमान में भारतीय वायुसेना दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर एयरफोर्स है, इसका शौर्य सभी ने देखा है, हवा में इसकी काबिलियत का लोहा दुश्मन भी मानते हैं।

भारतीय वायुसेना की एक स्पेशल फोर्स भी है- Garud Commando Force, इसका गठन साल 2004 में किया गया था। एयरफोर्स के जितने भी बेस होते हैं, उनकी सुरक्षा करना, जरूरत पड़ने पर सर्च ऑपरेशन चलाना और युद्ध के समय अहम भूमिका निभाना इस स्पेशल फोर्स का काम है। काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन्स के दौरान भी Garud Commando Force को कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जाता है। इन्हें दहशतगर्दों का काल भी कहा जा सकता है।

युद्ध के समय भारत की नौसेना कितनी ताकतवर है?

गरुड़ कमांडों की ट्रेनिंग बहुत मुश्किल होती है, गरुड़ रेजीमेंट ट्रेनिंग सेंटर हिंडन में इन्हें खास प्रशिक्षण मिलता है। एक स्पेशल ग्रुप जिसमें आर्मी, एनएसजी, पैरा मिलिट्री शामिल होती हैं, उनके द्वारा भी गरुण कमांडों को ट्रेन किया जाता है। तीसरे चरण में ये पैराशूट ट्रेनिंग दी जाती है जहां हवा से छलांग लगाने में ये सक्षम बनते हैं। जंगल वॉरफेयर में भी इन जवानों को कुशल बनाया जाता है, ऐसे में अगर युद्ध छिड़ता है तो वायुसेना के गरुण कमांडों दुश्मनों पर कहर बनकर टूटते हैं।

वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास 2229 विमान मौजूद हैं, यहां भी 600 फाइटर जैट, 899 हेलीकॉप्टर और 831 सपोर्ट एयरक्राफ्ट एयरफोर्स को मजबूती देते हैं। इसके ऊपर राफेल, Su-30MKI, नेट्रा सर्विलांस प्लेन का होना भी दुश्मनों की नींद उड़ाता है। एयरफोर्स के पास अत्याधुनिक रुद्रम, अस्त्र, निर्भय, ब्रह्मोस और आकाश एयर डिफेंस सिस्टम भी मौजूद हैं। हाल ही में रूस से इग्ला-एस (Igla-S) मिसाइल भी डिलीवर हुई है, इससे दुश्मनों के टारगेट को हवा में ही तबाह करने में बड़ी मदद मिलने वाली है।

युद्ध के समय भारत की सेना कितनी ताकतवर है?

बताया जा रहा है Igla-S मैनपैड्स (MANPADS) एक ऐसा एयर डिफेंस सिस्टम है जिसे जवान अपने कंधे पर रख फायर कर सकता है। 6 किलोमीटर तक की रेंज के जितने भी टारगेट होंगे, उसे यह सिस्टम आसानी से तबाह कर सकता है। तेजस का साथ होना भी एयरफोर्स की बड़ी ताकत है। इसे सबसे हल्के विमानों में गिना जाता है, इसकी रफ्तार 1850 किमी तक चली जाती है। आने वाले

भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल तेजस वायुसेना के सबसे हल्के लड़ाकू विमानों में से एक है । ये विमान 1850 किमी की रफ्तार से उड़ सकता है और ये समंदर के ऊपर, राजस्थान के रेगिस्तान में कश्मीर और उत्तर-पूर्व के पर्वतीय इलाकों में भारत के सामने आने वाली हर चुनौती का माकूल जवाब देने की ताकत से लैस है। अगले साल तक तो भारत को तेजस MK2 भी मिलने वाला है, ऐसे में मजबूती और ज्यादा मिलेगी।

अब वायुसेना इतनी ताकतवर इसलिए बन पाई है क्योंकि इसने कई मिशन्स को सफलतापूर्वक पूरा किया है। ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस कुछ ऐसे उदाहरण हैं जहां पर दुश्मनों को चकमा देकर वायुसेना ने बाजी को भारत के पक्ष में किया था। बालाकोट एयरस्ट्राइक को तो कोई नहीं भूल सकता है जब 300 से ज्यादा आतंकियों को वायुसेना ने मौत के घाट उतार दिया था, आतंक के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त किया गया था। अब फिर वायुसेना से भी भारत को बड़ी उम्मीद हैं, माना जा रहा है कि फिर हवा के जरिए भी दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।