Importance Of Sindoor: भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया है, ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के अंदर घुसकर ठिकानों को ध्वस्त किया गया है। जैश से लेकर लश्कर तक कई आतंक के आकाओं के संगठनों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया है। इस पूरे ऑपरेशन की सबसे खास बात रही इसका नाम यानी कि ऑपरेशन सिंदूर। अब क्योंकि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में दहशतगर्दों ने महिलाओं के सिंदूर को निशाना बनाया था, ऐसे में इसी सिंदूर की इन आतंकियों को कीमत समझने के लिए ऑपरेशन का नाम भी यही रखा गया।

अब यहां पर जानने की कोशिश करते हैं कि सिंदूर का इतिहास क्या है, आखिर भारत में इसका इतना महत्व क्यों माना जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि सिंदूर एक लाल रंग का पाउडर होता है, विवाहित महिलाएं इसे अपनी मांग में लगती हैं। हिंदू धर्म में सिंदूर को सुहाग की सबसे बड़ी निशानी के रूप में देखा जाता है। प्राचीन काल से ही सिंदूर को प्रेम, प्रतिबद्धता और समर्पण का प्रतीक भी माना गया है। शादी के दौरान जब सात फेरे लिए जाते हैं, उस समय पति महिला की मांग में सिंदूर लगाता है, फिर वही पत्नी उस सिंदूर को हमेशा लगा के रखती है और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है।

इंडियन आर्मी ने जारी की ऑपरेशन सिंदूर की पूरी Timeline

वैसे सिंदूर सिर्फ लाल रंग का नहीं होता है, अगर पूर्वांचल के हिस्सों में जाया जाए तो नारंगी रंग का सिंदूर भी महिलाओं की मांग में लगाया जाता है। बिहार के कुछ इलाकों में गुलाबी रंग का सिंदूर भी प्रचलन में रहता है। सिंदूर के इतिहास की बात करें तो यह 5000 साल पुराना तक माना जा सकता है। कई ऐतिहासिक प्राचीन काल वाली मूर्तियां हैं, वहां पर उनके माथे पर लाल रंग दिखाई देता है। इसी तरह रामायण में भी माता सीता भगवान राम के नाम का सिंदूर अपने माथे पर लगाती हैं।

अब आयुर्वेद में तो सिंदूर के कई फायदे भी बताए गए हैं, इसे स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। दावा यहां तक किया जाता है कि सिंदूर रक्त संचार को बढ़ाने में मदद करता है, यह महिलाओं में ऊर्जा लेकर आता है। इसी वजह से सिंदूर को कभी भी अविवाहित महिलाएं नहीं लगती हैं। वैसे बड़ी बात यह कि भारत में सिंदूर पर कोई टैक्स भी नहीं लगता है, 2017 में ही मोदी सरकार ने इसे टैक्स मुक्त कर दिया था। अब सिंदूर, बिंदी और चूड़ियां जीएसटी के दायरे में नहीं आती हैं।