Pakistan Firing: पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में बॉर्डर पार से दागे गए मोर्टार शेल की चपेट में आकर 12 साल के जुड़वां बच्चे जोया और अयान खान की मौत हो गई थी। इतना ही नहीं पाकिस्तानी आर्मी की तरफ से की गई गोलीबारी के बीच हुए इस हमले में उनके चाचा-चाची की भी जान चली गई। दोनों जुड़वा बच्चों का कुछ ही दिन पहले बर्थ डे मनाया गया था।

इन दोनों बच्चों के पिता रमीज खान भी गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और इस समय जम्मू के एक हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती हैं। वह अपने बच्चों की मौत से अभी तक अनजान हैं और वह अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनके रिश्तेदारों का कहना है कि उन्हें और किसी दर्द से बचाने के लिए उनके बच्चों के बारे में नहीं बताया गया है।

जोया और अयान की मां उर्षा खान मानसिक तौर पर पूरी तरह से टूट चुकी हैं। वह अपने बच्चों को खोने के दर्द और अपने पति को जिंदा रहने के लिए संघर्ष करते देखने के बीच फंसी हुई हैं। परिवार इतना दुखी था कि वह मीडिया से बात नहीं कर सका, लेकिन करीबी रिश्तेदार मारिया और सोहेल खान ने इस भयावह घटना के बारे में बताया।

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मारिया ने मीडिया को बताया, ‘जोया बुरी तरह घायल हो गई थी। अयान की बुरी तरह से जख्मी था। हमारे एक रिश्तेदार ने उसे बचाने की कोशिश की। हमें लगा कि वह बच जाएगा लेकिन कुछ ही मिनटों में दोनों की मौत हो गई।’ उन्होंने कहा कि वे काफी प्यारे थे। रमीज ने उनको कभी भी डांटा नहीं था। अगर उसे पता चल गया, तो शायद वह बच न पाए। मेडिकल हेल्प मिलने में देरी ने मामले को और भी ज्यादा गंभीर बना दिया।

सोहेल ने कहा कि हम डरे हुए थे। घंटों तक गोलाबारी जारी रही। अस्पताल पहुंचने में कई घंटे लग गए। पहले राजौरी, फिर जम्मू परिवार ने अब सरकार से अपील की है कि रमीज खान को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली भेजा जाए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सीजफायर के उल्लंघन का ही मामला नहीं है बल्कि सीमा पर रहने वाले परिवारों के लिए भी बहुत कुछ किया जाना चाहिए। सीजफायर के पीछे क्या है मोदी की रणनीति?