जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती पुंछ जिले के बट्टल सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास एक बारूदी सुरंग विस्फोट में शुक्रवार को पांच संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह घटना तब हुई जब एक आतंकवादी कथित तौर पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से भारतीय सीमा में आ रहा था। उसी ने गलती से भारतीय क्षेत्र में बिछाई गई बारूदी सुरंग पर कदम रख दिया।

सूत्रों ने कहा कि इससे एक विस्फोट हुआ, जिससे घुसपैठिए मारे गए। उन्होंने बताया कि आतंकवादी एक आईईडी भी ले जा रहे थे, जिसमें भी विस्फोट हो गया। सूत्रों ने कहा कि घुसपैठ रोधी ऑब्सटेकल सिस्टम के हिस्से के रूप में भारतीय पक्ष के आगे के क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर बारूदी सुरंगें हैं। एक अधिकारी ने बताया कि ये बारूदी सुरंगें कभी-कभी बारिश के कारण बह जाती हैं।

करीब 15 दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास बारूदी सुरंग विस्फोट में सेना का एक जवान घायल हो गया था। अधिकारियों ने कहा था कि सैनिक कृष्णा घाटी सेक्टर में एक गश्ती दल का हिस्सा था।

कश्मीर में आतंक के खिलाफ सुरक्षा बलों ने बढ़ा दी चौकसी, हताशा के डर से बढ़ रहे हमले

बता दें कि आतंकी बॉर्डर पर बनी सेना की चेक पोस्ट पर हमला करना चाहते थे। इससे पहले पाकिस्तान बॉर्डर एक्शन टीम पहले भी छिपकर कई हमले कर चुकी है। एक बार भी सेना के जवान इसके निशाने पर थे। मृतकों में पाक सेना के जवान और आतंकी संगठन अल-बदर के आतंकी शामिल हैं।

इससे पहले 5 फरवरी को कश्मीर-डे पर पीओके के अलग-अलग इलाकों के आतंकी संगठनों ने मार्च निकाला। इसमें धारा- 370 हटने के बाद पाकिस्तान, पाकिस्तान आर्मी और खुफिया एजेंसी ISI की सरपरस्ती में पालने वाले आतंकी संगठनों में बौखलाहट साफ दिखाई दी। वहीं 2 फरवरी को पीओके में जैश और लश्कर के नामी आतंकियों की मीटिंग हुई। इस मीटिंग पर खुफिया एजेंसियों की नजर भी बनी हुई थी। इसके बाद 5 फरवरी को रावलकोट में जैश और लश्कर की मीटिंग हुई, जिसमें हमास के कई लीडर शामिल हुए।