Bangalore Stampede News: IPL विजेता RCB के जश्न के कार्यक्रम से पहले पैदा हुए भगदड़ जैसे हालातों में 11 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में कॉलेज स्टूडेंट, टेक कंपनी का एक नया कर्मचारी और स्कूल छात्रा शामिल हैं। भगदड़ में जान गंवाने वाले कॉलेज स्टूडेंट मनोज कुमार के पिता ने बुधवार शाम द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मैं उसे दुकान पर पानी पूरी की प्लेट्स नहीं धोेने देता था क्योंकि मैं चाहता था वो कॉलेज जाए। मैंने उसे बहुत प्यार से पाला था, अब वो चला गया।”
18 वर्षीय मनोज कुमार बेंगलुरु के प्रेसीडेंसी कॉलेज में फर्स्ट ईयर का था। उसके पिता बेंगलुरू के उत्तरी इलाके में पानी पूरी बेचते थे। मनोज अपने पड़ोस में रहने वाले तीन दोस्तों के साथ RCB की जीत के जश्न में शामिल होने गया था।मुर्दाघर के बाहर मनोज के परिवार के साथ मौजूद उसके एक दोस्त सात्विक ने बताया कि मनोज ने स्टेडियम चलने के लिए कहा था।
हालांकि जब मनोज कुमार के पिता आए और उन्होंने अपने बेटे की मौत के लिए उसके दोस्तों को दोषी ठहराया तो वे एक कोने में चले गए। मनोज के पिता ने कहा, “तुम लोगों ने ही उसे स्टेडियम जाने के लिए मजबूर किया था।”
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मनोज के दोस्तों के अनुसार, वे भीड़ में उससे बिछड़ गए और भी मोहम्मद हुसैन (24) साल के एक प्रत्यक्षदर्शी ने मनोज को अस्पताल ले जाने में मदद की। हुसैन के पास ही मनोज का मोबाइल था। मनोज को बॉरिंग अस्पताल में पहुंचाने वाले मोहम्मद हुसैन ने बताया कि दोपहर करीब 3.35 बजे चिन्नास्वामी स्टेडियम के गेट नंबर 20 के बाहर एक घंटे से ज्यादा समय से वेट कर रही भीड़ काफी बेचैन थी। जब RCB के जश्न के लिए ऑनलाइन टिकट चेक करने के लिए गेट को थोड़ा खोला गया, तो भीड़ ने धक्का देकर अंदर घुसना शुरू कर दिया। वहां सिर्फ तीन पुलिसकर्मी और स्टेडियम के कुछ सुरक्षा गार्ड थे।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भीड़ ने गेट संख्या 20 को जबरदस्ती खोल दिया और हाथापाई शुरू हो गई। मोहम्मद हुसैन ने बताया, “गेट खुलते ही बाहर से आए सभी लोग अंदर घुसने की कोशिश करने लगे और भगदड़ मच गई। जो लोग घायल हुए या जिनकी मौत हुई, वे सभी स्टेडियम में घुसे थे और गिरने के बाद उन्हें कुचल दिया गया। इस व्यक्ति का पैर पुलिस बैरिकेड में फंस गया और वह गिर गया और करीब 500 लोगों ने उसे कुचल दिया। पुलिस की मदद से हमें उसके शव को स्टेडियम से बाहर निकालने के लिए दो घंटे तक भीड़ से जूझना पड़ा। उसे अस्पताल ले जाने में एक और घंटा लग गया।”
मोहम्मद हुसैन ने बताया कि वो अपने दोस्त के साथ कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। उनके दोस्त को स्टेडियम में प्रवेश करने में सफल रहे लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। उन्होंने बताया, “मैं अंदर नहीं जा सका क्योंकि मैं उन लोगों की मदद करने के लिए रुका था जिन्हें कुचला जा रहा था।”
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि गेट नंबर 14 से पुलिस जीप में तीन मृत लोगों को ले जाया गया। रोड पूरी तरह जाम थे और एंबुलेंस लोगों की भीड़ की वजह से गेट तक नहीं पहुंच पाईं। बेंगलुरु में व्यादेही अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर एक मृतक प्रज्वजल जी (22 वर्षीय इंजीनियरिंग स्टूडेंट) की मां ने बताया कि वो RCB को लेकर क्रेजी था। जब उसकी मौत हुई तब भी उसने RCB की टी-शर्ट पहनी हुई थी। उन्होंने बताया कि उसने RCB की जीत पर डांस किया और अब वो चला गया। उन्होंने रोते हुए पूछा कि क्या RCB उसे लौटा सकती है?
बॉरिंग अस्पताल में परिवार के सदस्यों द्वारा पहचाने गए शवों में से एक दिव्यांशी (14) का था। वह बेंगलुरु के कन्नूरू स्थि एक स्कूल में पढ़ती छात्रा थी। दिव्यांशी अपनी मां, चाची, छोटी बहन और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ RCB सम्मान समारोह देखने आई थी। उसकी दादी ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “बाकी लोगों को कुछ नहीं हुआ, लेकिन मैंने अपनी पोती को खो दिया।”
दिव्यांशी की चाची ने बताया कि स्टेडियम में कोई पुलिस नहीं थी। वहां CPR या अन्य किसी प्रक्रिया के लिए कोई नहीं था।हमने उसे एक कार में डाला और अस्पताल लेकर आए। जब सीएम आए, तब बहुत सारी पुलिस सुरक्षा थी लेकिन स्टेडियम में नहीं थी।
बेंगलुरु की एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाली देवी कार्यक्रम में गई थी। मुर्दाघर में उसका एक सहकर्मी दैविक तमिलनाडु से उसके परिवार के आने का इंतजार कर रहा था। दैविक ने बताया कि भगदड़ की खबर सुनने के बाद वो काफी देर तक उसका नंबर ट्राई करते रहे, तभी किसी ने फोन उठाया और हमें अस्पताल आने को कहा।
RCB की जीत के जश्न के कार्यक्रम में जिन 11 लोगों ने जान गंवाई, उनमें देवी (29), दिव्यांशी (14), अक्षता (26), शिवालिंगु (17), श्रवण कुमार (26), मनोज कुमार (18) और भूमिका (18) सहाना (21), प्रज्वल जी (22), पूर्ण चंद्र (25) और चिन्नैया (19) शामिल हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, RCB ने सोशल मीडिया पर इस सम्मान समारोह को विक्ट्री परेड के रूप में घोषित किया था, लेकिन सरकार द्वारा सुरक्षा कारणों से परेड की अनुमति देने से इनकार करने के बाद इसे चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक निःशुल्क ऑनलाइन टिकट वाले कार्यक्रम में बदल दिया गया।
जब इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भीड़ उमड़ रही थी, तब बेंगलुरु पुलिस कर्नाटक सरकार द्वारा चिन्नास्वामी स्टेडियम से 1 किमी दूर विधान सौधा में RCB को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था में लगी हुई थी। यह कार्यक्रम स्टेडियम में होने वाले कार्यक्रम से पहले आयोजित किया गया था। IPL खत्म, BCCI की जिम्मेदारी खत्म; देवजीत सैकिया बोले- जश्न के लिए RCB को हमसे पूछने की जरूरत नहीं