Parliament Budget Session: सोमवार मार्च से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग शुरू होगा। यह सत्र काफी हंगामेदार रहने की उम्मीद है, जिसमें विपक्ष कई ज्वलंत मुद्दों को उठाकर सरकार को घेरने की तैयारी में है, जिनमें परिसीमन तीन भाषा फार्मूला नीति से लेकर अमेरिकी व्यापार शुल्क और मतदाता सूची में कथित हेराफेरी तक शामिल हैं।
विवादास्पद वक्फ संशोधन विधेयक को संसद में पेश करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है, और इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव की संभावना है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि सरकार वक्फ विधेयक को जल्द पारित कराने की इच्छुक है, उनका दावा है कि इससे मुस्लिम समुदाय के कई मुद्दे सुलझेंगे।
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ध्यान देने वाली बात यह भी है कि एनडीए के साथी घटक दलों ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडी(यू) और एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली टीडीपी जैसे एनडीए के सहयोगी दलों ने पहले ही संकेत दे दिया है कि वे विपक्ष के विरोध के बावजूद संसद की संयुक्त समिति द्वारा अनुमोदित संशोधनों के साथ विधेयक का समर्थन करेंगे।
इस मु्द्दे पर कांग्रेस ने कहा है कि इंडिया गठबंधन के नेता वक्फ विधेयक का संयुक्त रूप से विरोध करने के लिए व्यापक विचार-विमर्श करेंगे। आगामी सत्र के दौरान सरकार का ध्यान अनुदान मांगों पर संसद की मंजूरी प्राप्त करने तथा विनियोग एवं वित्त विधेयक पारित कराकर बजट प्रक्रिया पूरी करने पर रहेगा।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को मणिपुर के लिए बजट पेश करेंगी , जहां मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है। गृह मंत्री अमित शाह पूर्वोत्तर राज्य में राष्ट्रपति शासन की घोषणा के लिए संसद की मंजूरी के लिए एक वैधानिक प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। मणिपुर में राज्य के राजमार्गों पर मुक्त आवाजाही को लागू करने के केंद्र के प्रयास के बीच हिंसा की ताजा घटना को विपक्षी सांसदों द्वारा उठाया जा सकता है। मई 2023 से राज्य जातीय संघर्षों से जूझ रहा है।
कांग्रेस ने सत्र के लिए अपनी रणनीति तैयार करने के लिए सोमवार को अपने संसदीय रणनीति समूह की बैठक निर्धारित की है। विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए भारतीय पार्टियां संयुक्त रूप से अपने कदमों का समन्वय करने के लिए तैयार हैं। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस और अन्य इंडिया गठबंधन अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएंगे, लेकिन अमेरिका से जंजीरों में जकड़े अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस भेजने का मुद्दा भी वे जोर-शोर से उठाएंगे।
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कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान पर संसद को विश्वास में लेने को कहा है कि भारत अपने टैरिफ में बहुत कम कटौती करने पर सहमत हो गया है, क्योंकि उन्होंने अपना दावा दोहराया कि अमेरिका अमेरिका पर बहुत ज़्यादा टैरिफ लगाता है। कांग्रेस के संचार मामलों के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को सरकार से पूछा कि क्या इस प्रक्रिया में भारतीय किसानों और निर्माताओं के हितों से समझौता किया जा रहा है।
इसके अलावा टीएमसी अलग-अलग राज्यों में डुप्लीकेट ईपीआईसी नंबर के मुद्दे को उजागर करेगी। पार्टी ने कांग्रेस समेत अपने भारतीय सहयोगियों को इस मुद्दे पर भाजपा के साथ-साथ चुनाव आयोग पर हमला करने के लिए एकजुट किया है।
ईपीआईसी विवाद को सबसे पहले टीएमसी प्रमुख और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने हाल ही में कोलकाता में अपनी पार्टी के एक सम्मेलन में उठाया था , जहां उन्होंने बीजेपी पर चुनाव आयोग के साथ मिलीभगत करके मतदाता सूचियों में कथित रूप से हेरफेर करने का आरोप लगाया था। अपने बयान में चुनाव आयोग ने कहा कि कुछ मतदाताओं के मतदाता पहचान पत्र क्रमांक “समान हो सकते हैं”, लेकिन जनसांख्यिकी जानकारी, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र जैसे अन्य विवरण अलग-अलग हैं। संसद की अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।