प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करने के लिए सोमवार को पेरिस रवाना होंगे। शिखर सम्मेलन में एक फाउंडेशन की घोषणा हो सकती है, जो ग्लोबल साउथ की जरूरतों को पूरा करने के लिए सार्वजनिक हित में एआई पर ध्यान देगा। भारत और फ्रांस संभवतः नागरिक परमाणु सहयोग को बढ़ावा देते हुए छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों पर घोषणा करेंगे।

भारत-फ्रांस त्रिकोणीय विकास सहयोग पहल भी शुरू होने की संभावना है। दोनों देश घोषणा करेंगे कि 2026 को भारत-फ्रांस इनोवेशन ईयर के रूप में मनाया जाएगा और एक लोगो लॉन्च किया जाएगा। बुधवार को इमैनुएल मैक्रों और पीएम मोदी मार्सिले शहर का दौरा करेंगे और वहां एक भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे। मार्सिले एक रणनीतिक दूरसंचार कनेक्शन केंद्र भी है।

भूमध्य सागर के सेंट्रल में इसकी जगह इसे यूरोप को अफ्रीका, पश्चिम एशिया और एशिया से जोड़ने वाली पनडुब्बी केबलों के लिए प्रवेश द्वार बनाता है। पनडुब्बी केबल दुनिया का 99% डेटा ट्रैफ़िक (इंटरनेट और टेलीफोनी) ले जाते हैं।

एन बीरेन सिंह ने क्यों दिया CM पद से इस्तीफा, कब होगा नए मुख्यमंत्री का ऐलान? जानिए क्या हैं अभी के हाल

एआई शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता के लिए मैक्रों का पीएम मोदी को निमंत्रण एक महत्वपूर्ण इशारा है। नई और उभरती टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका की मान्यता दर्शाएगा। एआई शिखर सम्मेलन में संभवतः अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस, चीनी उप प्रधानमंत्री झांग गुओकिंग, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ सहित अन्य ग्लोबल लीडर हिस्सा लेंगे।

पीएम मोदी के दौरे के दौरान भारत-फ्रांस इनोवेशन ईयर के रूप में मनाए जा रहे 2026 का लोगो लॉन्च किया जाएगा। मार्सिले में नए भारतीय वाणिज्य दूतावास का संयुक्त उद्घाटन द्विपक्षीय संबंधों में उर्जा के साथ-साथ भारत की वैश्विक राजनयिक उपस्थिति में विस्तार की ओर भी इशारा करता है। फ्रांस के साउथ में नया भारतीय वाणिज्य दूतावास लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करेगा और आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देगा। कारोबारी समुदाय से जुड़ने के लिए भारत-फ्रांस सीईओ फोरम की बैठक पेरिस में होने वाली है।

भारत-फ्रांस त्रिकोणीय विकास सहयोग पहल के माध्यम से दोनों देशों का लक्ष्य भारत-प्रशांत क्षेत्र में विकासशील देशों में जलवायु और एसडीजी-केंद्रित परियोजनाओं को लागू करना होगा। दोनों नेता मार्सिले के करीब अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) सुविधाओं का भी दौरा करेंगे।