PM Modi in RSS: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय यानी केशव कुंज पहुंचे। वे सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक यहां रहे। उन्होंने संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर के स्मारक स्मृति मंदिर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा PM मोदी दीक्षाभूमि पहुंचे और वहां संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर को भी श्रद्धांजलि दी।

पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर खास बात यह है कि बतौर प्रधानमंत्री, संघ मुख्यालय में यह उनका पहला दौरा था। प्रधानमंत्री ने संघ के माधव नेत्रालय के एक्सटेंशन बिल्डिंग की आधारशिला रखी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां 34 मिनट का भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने भक्ति आंदोलन, इसमें संतों की भूमिका, संघ की नि:स्वार्थ कार्य प्रणाली, देश के विकास, युवाओं में धर्म-संस्कृति, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, शिक्षा, भाषा और प्रयागराज महाकुंभ की चर्चा की।

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पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तारीफ करते हुए कहा कि राष्ट्रीय चेतना के लिए जो विचार 100 साल पहले संघ के रूप में बोया गया, वो आज महान वट वृक्ष के रूप में दुनिया के सामने हैं। ये आज भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को लगातार ऊर्जावान बना रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि स्वयंसेवक के लिए सेवा ही जीवन है। हम देव से देश, राम से राष्ट्र का मंत्र लेकर चल रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद से लेकर डॉक्टर साहब तक, किसी ने भी राष्ट्रीय चेतना को बुझने नहीं दिया। राष्ट्रीय चेतना के जिस विचार का बीज 100 वर्ष पहले बोया गया था, वह आज एक महान वटवृक्ष के रूप में खड़ा है। सिद्धांत और आदर्श इस वटवृक्ष को ऊंचाई देते हैं, जबकि लाखों-करोड़ों स्वयंसेवक इसकी टहनियों के रूप में कार्य कर रहे हैं।

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PM मोदी ने कहा कि भारत के इतिहास में नजर डालें तो इसमें कई आक्रमण हुए। इतने आक्रमणों के बावजूद भी भारत की चेतना कभी समाप्त नहीं हुई, उसकी लौ जलती रही। उन्होंने कहा कि कठिन से कठिन दौर में भी इस चेतना को जाग्रत रखने के लिए नए सामाजिक आंदोलन होते रहे। भक्ति आंदोलन इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि मध्यकाल के उस कठिन कालखंड में हमारे संतों ने भक्ति के विचारों से राष्ट्रीय चेतना को नई ऊर्जा दी। गुरु नानक देव, कबीरदास, तुलसीदास, सूरदास, संत तुकाराम, संत रामदेव, संत ज्ञानेश्वर जैसे महान संतों ने अपने मौलिक विचारों से समाज में प्राण फूंके। उन्होंने भेदभाव के बंधनों को तोड़कर समाज को एकता के सूत्र में बांधा।

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PM मोदी ने अपनी स्पीच में कहा कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का मंत्र आज विश्व के कोने-कोने में गूंज रहा है। जब कोविड जैसी महामारी आती है, तो भारत विश्व को परिवार मानकर वैक्सीन उपलब्ध कराता है। दुनिया में कहीं भी प्राकृतिक आपदा हो, भारत सेवा के लिए तत्पर रहता है।

हाल में आए म्यांमार के भूकंप का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि म्यांमार में भूकंप आया तो भारत ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत तुरंत मदद के लिए पहुंच गया। नेपाल में भूकंप हो, मालदीव में जल संकट हो, भारत ने सहायता देने में क्षणभर की भी देर नहीं की। युद्ध के हालात में भी भारत दूसरे देशों के नागरिकों को सुरक्षित निकालकर लाता है। भारत अब ग्लोबल साउथ की आवाज भी बन रहा है।

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