Draupadi Murmu in Prayagraj Sangam: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज प्रयागराज के महाकुंभ में संगम में डुबकी लगाने जा रही हैं। यह आयोजन भारतीय इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में याद किया जाएगा, क्योंकि वह डॉ. राजेंद्र प्रसाद के बाद महाकुंभ में स्नान करने वाली दूसरी राष्ट्रपति हैं। रविवार को जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति मुर्मू प्रयागराज में आठ घंटे से अधिक समय बिताएंगी, इस दौरान वह कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों पर भी जाएंगी।
राष्ट्रपति मुर्मू का कार्यक्रम सुबह करीब पौने दस बजे शुरू होगा। वह राजकीय विमान से बमरौली एयरपोर्ट पर पहुंचेंगी, जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी अगवानी करेंगे। इसके बाद वह हेलिकॉप्टर से अरैल स्थित डीपीएस हेलीपैड पर जाएंगी, जहां से वह कार द्वारा अरैल घाट पहुंचेंगी और फिर क्रूज के जरिए संगम तट पर जाएंगी। यहां वह पवित्र संगम में डुबकी लगाएंगी। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके साथ रहेंगे।
संगम स्नान के बाद राष्ट्रपति मुर्मू धार्मिक आस्था को और मजबूती देने के लिए अक्षयवट का दर्शन करेंगी। अक्षयवट हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण स्थल है और इसे अमरता का प्रतीक माना जाता है। यह स्थल पुराणों में भी विशेष रूप से वर्णित है। इसके बाद, राष्ट्रपति बंधवा वाले लेटे हुए बड़े हनुमान जी का दर्शन करेंगी और पूजा-अर्चना करेंगी। उनका यह कदम न केवल धार्मिक आस्था की ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि देशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना का भी प्रतीक होगा।
यह भी पढ़ें… महाकुंभ में महाजाम, 10 घंटे से फंसे श्रद्धालु…, संगम स्टेशन अगले आदेश तक बंद
इसके अलावा, राष्ट्रपति मुर्मू डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र का भी अवलोकन करेंगी। इस केंद्र का उद्देश्य महाकुंभ मेले की विस्तृत जानकारी तकनीकी माध्यमों से श्रद्धालुओं तक पहुंचाना है। यह एक पहल है, जो आधुनिक भारत और डिजिटल युग को धार्मिक आयोजनों से जोड़ने की कोशिश कर रही है। यहां देश-विदेश के श्रद्धालुओं को महाकुंभ का अद्भुत अनुभव मिलेगा।
राष्ट्रपति मुर्मू का यह दौरा न केवल प्रयागराज के लिए ऐतिहासिक होगा, बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं के लिए भी एक प्रेरणादायी क्षण रहेगा। उनके संगम में डुबकी लगाने से महाकुंभ का धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाएगा। इस ऐतिहासिक मौके से न सिर्फ महाकुंभ की महिमा को एक नई ऊंचाई मिलेगी, बल्कि यह देशवासियों के बीच एक नई उम्मीद और आस्था का संचार करेगा।
राष्ट्रपति मुर्मू शाम पौने छह बजे प्रयागराज से वापस दिल्ली के लिए रवाना होंगी। इस दौरान उनकी यात्रा के मार्ग और कार्यक्रम को इस तरह से व्यवस्थित किया गया है कि आम श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।