रेलवे किराया बढ़ाने जा रहा है लेकिन इसके पीछे उसका मकसद राजस्व को बढ़ाना है। रेल मंत्रालय AC Class, Sleeper Class और Second Class के किराये में बढ़ोतरी कर सकता है। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, नई दरें 1 जुलाई से लागू हो सकती हैं। किराया बढ़ाने को लेकर ऊपरी लेवल पर विचार चल रहा है और सरकार इसे लेकर जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर सकती है।
सूत्र के मुताबिक, AC क्लास के लिए दो पैसे प्रति किलोमीटर, Non-AC (Mail/Express) के लिए एक पैसे प्रति किलोमीटर, और Second Class (General Class) में 500 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए आधा पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी हो सकती है।
Projection of Passenger Kilometres (PKM) के मुताबिक, किराया बढ़ने के बाद वित्त वर्ष 2025-26 के बचे हुए वक्त में लगभग 700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है।
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रेलवे के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में यात्रियों के किराये से कुल अनुमानित राजस्व 92,800 करोड़ रुपये हो सकता है क्योंकि ऐसी संभावना है कि यात्रियों की संख्या बढ़ सकती है। वित्त वर्ष 2024-25 में 736 करोड़ से अधिक लोगों ने ट्रेन से यात्रा की थी और इससे कुल यात्री राजस्व 75,215 करोड़ रुपये रहा था।
रेलवे को अपने राजस्व लगभग 65% हिस्सा माल ढुलाई से मिलता है जबकि यात्री किराये का योगदान 30% है बाकी आय अन्य सोर्स से होती है।
यात्री किराये में AC First Class, AC 2-tier, AC 3-tier और AC Chair Car यात्री किराये से मिलने वाले राजस्व का लगभग 54% देते हैं लेकिन AC क्लास में कुल यात्रियों का सिर्फ 4.8% यात्री ही यात्रा करते हैं, जबकि स्लीपर और जनरल क्लास मिलाकर लगभग 37% यात्रियों को ले जाते हैं। Suburban trains कुल यात्रियों का 57% तक लोगों को लाती और ले जाती हैं।
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यात्री किराये में आखिरी बार संशोधन जनवरी 2020 में हुआ था, तब मंत्रालय ने Non-AC class (Mail/ Express) जिसे Sleeper Class भी कहा जाता है, का किराया प्रति किलोमीटर दो पैसे और AC Class का चार पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाया था। 80 किलोमीटर तक के उपनगरीय किराये या सीजन के टिकटों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी।
मई 2022 में, एसी ईएमयू (Air Conditioned Electric Multiple Unit- जैसे मुंबई में चलने वाली लोकल ट्रेनें की एकल यात्रा का किराया 50% तक कम दिया गया। फर्स्ट क्लास का किराया भी 41% से 49% तक कम किया गया था। दिसंबर, 2024 में रेलवे पर स्थायी समिति (Standing Committee on Railways) ने भारतीय रेल से सिफारिश की थी कि AC Class से होने वाली आय की समीक्षा की जाए। रेलवे यात्री सेवाओं पर भारी सब्सिडी दे रहा है।
संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार, उपनगरीय सेवाओं (Suburban Services) से लागत का लगभग 30% और Non-AC यात्रा से 39% की जबकि AC यात्रा से केवल 3.5% की ही कमाई होती है।
समिति ने कहा था कि भारतीय रेलवे के राजस्व को बढ़ाने के लिए यात्री किराये से होने वाली आय को बढ़ाना सबसे जरूरी है। समिति ने कहा था, ‘भारतीय रेलवे करोड़ों गरीब लोगों के लिए परिवहन का मुख्य साधन है और भारतीय रेलवे को सामाजिक दायित्वों के चलते लागत से कम किराया लेने की वजह से घाटा उठाना पड़ता है।’
कमेटी ने माना था कि ‘General class’ की यात्रा आम लोगों के लिए सस्ती बनी रहनी चाहिए लेकिन उसने भारतीय रेलवे से यह आग्रह भी किया था कि वह AC Classes से होने वाली कमाई की लागत के अनुसार समीक्षा करे जिससे यात्री किराये के घाटे को कम किया जा सके।
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