गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से पहले एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। रविवार को राजधानी एक्सप्रेस जब कोटगांव के पास तकनीकी कारणों से धीमी हुई, तभी उसमें सवार तीन लोग चलती ट्रेन से कूद पड़े। जीआरपी की नजर उन पर पहले से थी, इसलिए तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीनों को पकड़ लिया। जब उनके बैग की तलाशी ली गई तो पुलिस भी दंग रह गई। तीनों के बैग में कुल 32 किलो गांजा मिला।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अमीनुर, शाहआलम और लायला खातून के रूप में हुई है। तीनों पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के रहने वाले हैं और राजधानी एक्सप्रेस से गांजा लेकर दिल्ली की ओर जा रहे थे। पुलिस के अनुसार, इनका मकसद दिल्ली में गांजा की सप्लाई करना था।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि तीनों को एक बड़े तस्कर ने भेजा था, जिसने खुद टिकट की बुकिंग कराई थी। पहले भी ये लोग इसी तरह यात्रा कर चुके थे और हर बार कन्फर्म टिकट ही लेते थे ताकि शक न हो। महिला को इसलिए साथ रखा जाता था ताकि पुलिस की नजरों से बचा जा सके।
मीडिया से बात करते हुए जीआरपी के कार्यवाहक सीओ अनिल कुमार वर्मा ने कहा, “इन तस्करों का आपसी संपर्क केवल शुरुआत में होता था, यात्रा के दौरान और बाद में वे एक-दूसरे से मोबाइल पर बात नहीं करते थे। उनका प्लान था कि वे गाजियाबाद में उतरकर एक कार से दिल्ली जाएं, जहां एक अन्य व्यक्ति जो फिलहाल कालका में बताया जा रहा है, से मुलाकात कर माल सौंपा जाता।”
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राजधानी एक्सप्रेस का गाजियाबाद में कोई ठहराव नहीं है लेकिन कोटगांव के पास जब ट्रेन धीमी हुई तो तीनों चलती ट्रेन से उतर गए। जीआरपी पहले से सतर्क थी और मौके पर मौजूद टीम ने फुर्ती दिखाते हुए सभी को पकड़ लिया। तलाशी के दौरान जब बैग खोला गया तो उसमें भारी मात्रा में गांजा मिला, जिसकी कीमत पांच लाख रुपये से ज्यादा बताई जा रही है।
पुलिस की सतर्कता और समय पर की गई कार्रवाई ने एक बड़े गांजा रैकेट को पकड़ लिया है। अब पुलिस मुख्य सप्लायर और दिल्ली में माल लेने वाले की तलाश कर रही है। राजधानी एक्सप्रेस जैसी हाई-प्रोफाइल ट्रेन से यात्रा करते हुए तस्करी करना अब अपराधियों को महंगा पड़ रहा है।