Ramdash Athawale offered to Akash Anand: बसपा प्रमुख मायावती के भतीजे आकाश आनंद के पार्टी से निष्कासन के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। इस फैसले के बाद जहां बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के अंदर चर्चाएं जारी हैं, वहीं दूसरी ओर रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने आकाश आनंद को अपनी पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया है। अठावले ने कहा कि अगर आकाश आनंद बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के मिशन को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो उन्हें RPI में आकर काम करना चाहिए।
अठावले ने अपने बयान में यह भी कहा कि अगर आकाश आनंद उनकी पार्टी में आते हैं, तो इससे उत्तर प्रदेश में RPI को मजबूती मिलेगी।
गौरतलब है कि RPI राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा है और अठावले मोदी सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं। महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद अठावले अंबेडकरवादी राजनीति के मजबूत चेहरे माने जाते हैं और उन्होंने बीएसपी के अंदर जारी उथल-पुथल पर अपनी राय खुलकर रखी है।
इससे पहले मायावती ने रविवार को आकाश आनंद को सभी पदों से हटा दिया था, और अगले ही दिन उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। मायावती ने इस फैसले के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि आकाश अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में आकर पार्टी के अनुशासन का पालन नहीं कर रहे थे। बता दें कि अशोक सिद्धार्थ को भी हाल ही में बीएसपी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। मायावती ने कहा कि पार्टी के अंदर किसी भी प्रकार की गुटबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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मायावती के अनुसार, आकाश आनंद को पार्टी और आंदोलन के हित में निष्कासित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि आकाश को इस फैसले पर आत्ममंथन करना चाहिए था और परिपक्वता दिखानी चाहिए थी। लेकिन इसके बजाय उन्होंने जो जवाब दिया, वह उनके पश्चाताप और राजनीतिक परिपक्वता की कमी को दर्शाता है। मायावती ने इसे उनके ससुर के प्रभाव में दिया गया गैर-जिम्मेदाराना बयान करार दिया।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में बीएसपी के खराब प्रदर्शन के बाद मायावती ने 7 मई 2024 को आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया था। इससे पहले दिसंबर 2023 में मायावती ने आकाश को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था। लेकिन बीएसपी प्रमुख के इस कड़े फैसले के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि आकाश आनंद आगे की राजनीति में क्या कदम उठाएंगे और क्या वे अठावले के ऑफर को स्वीकार करेंगे?