कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने लंबे समय बाद राज्यसभा में भाषण दिया है। उनकी तरफ से राज्यसभा में मनरेगा योजना का मुद्दा उठाया गया, उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि एक सुनियोजित तरीके से इसे कमजोर करने की कोशिश हो रही है। यहां तक आरोप लगाया गया कि गरीबों को समय रहते अपना वेतन नहीं मिल पा रहा है, उसमें लगातार देरी हो रही है।
सोनिया गांधी ने कहा कि मनरेगा योजना को व्यवस्थित तरीके से कमजोर किया जा रहा है, लंबे समय से इस योजना के लिए सिर्फ 86 हजार करोड़ ही आवंटित किए गए हैं। सच्चाई तो यह है कि इसके बजट में 4000 करोड़ रुपये की कमी आई है। सोनिया ने आगे बोला कि आधार-आधारित भुगतान प्रणाली और राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली की अनिवार्यता ने भी कई चुनौतियों को जन्म दिया है। सोनिया ने इस बात का भी जिक्र किया कि मनरेगा एक ऐतिहासिक कदम था जिसे मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान शुरू किया गया था।
वैसे यह कोई पहली बार नहीं है जब मनरेगा को लेकर मोदी सरकार को घेरा गया हो। समय-समय पर कांग्रेस सरकार ने इस मुद्दे को उठाया है, उनकी तरफ से आरोप भी लगते रहे हैं। इसी कड़ी में अब सोनिया गांधी ने इस मुद्दे को राज्यसभा में उठाया है, उन्होंने भी मोदी सरकार को आईना दिखाने का काम किया है।
जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह द्वारा लिए गए प्रमुख निर्णयों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA, साल 2005) शामिल था। इस कानून ने ग्रामीण परिवारों को प्रति वर्ष 100 दिन के वेतन रोजगार की गारंटी दी। उनकी सरकार ने 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम भी लागू किया, जिसने नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा रखी गई जानकारी तक पहुंचने का अधिकार दिया और शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत किया।