West Bengal Schools Recruitment Scam: ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली बंगाल सरकार को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने 25 हजार टीचर भर्ती रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने आदेश दिया कि नए सिरे से चयन प्रक्रिया 3 महीने के अंदर पूरी की जानी चाहिए। अपनी आजीविका के संकट से जूझ रहे हजारों शिक्षकों को यह सोचना पड़ रहा है कि वे कर्ज कैसे चुकाएं, बिल कैसे चुकाएं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के चंद्रनगर के सैकत घोष की नौकरी भी चली गई है। उन्होंने कहा, ‘मुझे योग्यता के आधार पर नौकरी मिली थी। 28 फरवरी 2019 को मैंने एक टीचर के तौर पर स्कूल जॉइन किया था। कई सालों की सर्विस के बाद मुझे भ्रष्टाचार के कारण नौकरी से निकाल दिया गया, मेरी कोई गलती नहीं थी।’
घोष ने कहा कि वह अपने परिवार में कमाने वाले अकेले सदस्य हैं। उनकी तीन साल की बेटी, पत्नी, बूढ़े माता-पिता, चाचा और चाची समेत सात लोगों का वह खुद भरण-पोषण करते हैं। उन्होंने कहा कि हम जिंदगी भर के लिए बर्बाद हो गए हैं। घोष बंगाल के 25,752 टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टॉफ में से एक हैं, जिन्होंने राज्य के स्कूल सेवा आयोग के माध्यम से उनकी भर्ती को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपनी नौकरी खो दी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या बोलीं ममता बनर्जी
साउथ 24 परगना के एक स्कूल में साइंस पढ़ाने वाली दीपा मंडल ने कहा कि हम 2014 के पेपर के लिए मानसिक तौर पर तैयार थे। उस वक्त मेरी शादी नहीं हुई थी। मेरे कोई बच्चे नहीं थे। अब मुझे परिवार का भरण-पोषण करना है, दो बच्चों का पालन-पोषण करना है और घर का लोन चुकाना है। ऐसी स्थिति में मुझे नहीं पता कि मैं दूसरी परीक्षा कैसे दे पाऊंगी।
नकदी के बदले स्कूल में नौकरी दिलाने का यह घोटाला 2016 की भर्ती प्रक्रिया के दौरान राज्य भर के प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों में कथित रूप से की गई अवैध भर्तियों से संबंधित है। साल 2016 में 25 हजार से ज्यादा वैकेंसी के लिए 23 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स परीक्षा में शामिल हुए थे। कलकत्ता हाईकोर्ट में आरोप लगाया गया था कि ज्यादातर कैंडिडेट्स को ओएमआर शीट का गलत मूल्यांकन करने के बाद नौकरी दी गई थी। अप्रैल 2024 में हाईकोर्ट ने राज्य-सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,000 कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द कर दी। हाईकोर्ट ने पाया कि 23 लाख आंसर सीट में से किसका मूल्यांकन किया गया था, इस पर कोई स्पष्टता नहीं थी और इसलिए सभी आंसर सीट को फिर से रिवैल्यूएशन का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने सीबीआई को भर्ती घोटाले की जांच जारी रखने का भी आदेश दिया। पूरा मामला पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…